जमशेदपुर : शहर में पाइल्स यानी बवासीर के मरीजों की संख्या काफी है. जानकारी के अभाव में लोग सही से इसका इलाज नहीं करा पाते हैं. जिससे आगे चल कर परेशानी बढ़ जाती है. उक्त बातें सोमवार को एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ बी भूषण ने एमजीएम अस्पताल में पत्रकारों से बात करते हुए कहीं. उन्होंने बताया की पाइल्स का सबसे बढ़िया इलाज सर्जरी नहीं बल्कि इंजेक्शन है.
इंजेक्शन लगाकर पाइल्स को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. लेकिन आज के समय में लोग जानकारी के अभाव में इंजेक्शन लगाने की जगह पर सर्जरी करा लेते हैं. जबकि सर्जरी के बाद भी फिर से पाइल्स हो जाता है, लेकिन इंजेक्शन के बाद पाइल्स नहीं होगा. डॉ भूषण ने बताया कि इसके लिए तीन इंजेक्शन लगाया जाता है. उन्होंने बताया कि उनके पास पश्चिम बंगाल, बिहार, ओड़िशा सहित अन्य राज्यों से पाइल्स का इंजेक्शन लेने के लिए लोग आते हैं.
साथ ही बताया कि टेस्ट बुक सर्जरी नाम की एक किताब में भी इस इंजेक्शन के बारे में जिक्र है. डॉ भूषण ने बताया कि एमबीबीएस की पढ़ाई दौरान उन्होंने इस इंजेक्शन के बारे में पढ़ा था और 1983 में इसका इस्तेमाल शुरू किया. तीन ऑपरेशन के बाद भी ठीक नहीं हुआ पाइल्स. डॉ भूषण ने बताया कि अन्य जगहों से कई ऐसे मरीज उनके पास आये हैं, जो तीन-तीन बार पाइल्स को ऑपरेशन करा चुके हैं. इसके बाद भी उनका पाइल्स ठीक नहीं हुआ. लेकिन यहां आने के बाद उनको इंजेक्शन देकर ठीक कर दिया गया.
बादाम का तेल व कार्बोलिक एसिड से तैयार होता है इंजेक्शन
डॉ भूषण ने बताया कि इस इंजेक्शन को बादाम के तेल व कार्बोलिक एसिड से बनाया जाता है. साथ ही बताया कि इंजेक्शन लेते समय न तो दर्द होता है और न ही कोई परेशानी होती है. एक से सवा माह के अंतराल पर तीन इंजेक्शन पाइल्स वाले स्थान पर दिया जाता है.

