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ऑनलाइन सिस्टम से कम नहीं हुई परेशानी
जमशेदपुर: सिस्टम को पारदर्शी और आम लोगों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए सरकारी कार्यालयों में डिजिटल पेमेंट पर जोर दिया जा रहा है. लेकिन, हकीकत यह है कि अधिकतर सरकारी कार्यालयों में ऑनलाइन भुगतान की सुविधा तक नहीं है. जहां सुविधा है भी वहां अक्सर लिंक फेल और इंटरनेट सेवा बाधित होने से कामकाज […]
जमशेदपुर: सिस्टम को पारदर्शी और आम लोगों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए सरकारी कार्यालयों में डिजिटल पेमेंट पर जोर दिया जा रहा है. लेकिन, हकीकत यह है कि अधिकतर सरकारी कार्यालयों में ऑनलाइन भुगतान की सुविधा तक नहीं है. जहां सुविधा है भी वहां अक्सर लिंक फेल और इंटरनेट सेवा बाधित होने से कामकाज पर नाकारात्मक असर पर रहा है. जिला परिवहन कार्यालय, रजिस्ट्री और वाणिज्य कर को छोड़ किसी भी अन्य कार्यालय में ऑनलाइन बिल या टैक्स भुगतान की सुविधा नहीं है. यहां कभी तो लिंक फेल रहता है लेकिन कई बार इसी आड़ में कर्मचारी व अधिकारी अाराम भी फरमाते हैं.
पांच दिनों से बंद है रजिस्ट्री का काम : लिंक फेल होने की वजह से पिछले पांच दिनों से रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है. इसका कारण सॉफ्टवेयर अपडेट होना बताया जा रहा है. डीड राइटर अभिजीत मंडल ने बताया कि रजिस्ट्री कराने वाले लोग कई दिनों से लौट रहे हैं.
नगर निकायों का और बुरा हाल : स्थानीय निकायों की हालत और भी खराब है. जमशेदपुर और मानगो अक्षेस तथा जुगसलाई नगरपालिका में निकायों में ऑनलाइन भुगतान की सुविधा नहीं है. इससे शुल्क जमा करने के लिए लंबी-लंबी लाइन में लगना पड़ता है.
सेल्स टैक्स : एक माह में दस दिन भी पेमेंट नहीं हो पाया
इ-पेमेंट गेटवे तो सेल्स टैक्स विभाग की ओर से दिया गया है, लेकिन अक्सर पेमेंट के वक्त लिंक फेल हो जाता है या सेल्स टैक्स का पैसा कट जाने के बावजूद कई बार बकाया ही बताता रहता है, जिससे लोगों को कार्यालयों का ही चक्कर काटना पड़ता है. अप्रैल माह में दस दिनों तक सिस्टम अपग्रेड करने के नाम पर काम नहीं हो पाया था.
सेल्स टैक्स पेमेंट सिस्टम परेशानी का सबब : मानव केडिया
टैक्स अधिवक्ता व सिंहभूम चेंबर के उपाध्यक्ष मानव केडिया ने बताया कि सेल्स टैक्स पेमेंट का सिस्टम परेशानी का सबब बना हुआ है. एक बार पेमेंट फंस गया तो फिर चक्कर लगाना ही पड़ता है. पैसे की वापसी का भी कोई सिस्टम विकसित नहीं किया गया है.श्री केडिया ने कहा कि अाने वाले समय में सिस्टम दुरुस्त नहीं किया गया तो परेशानी और बढ़ेगी.
परिवहन विभाग में दलालों की अब भी चांदी
परिवहन विभाग में ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया है, पर लोग स्वयं भुगतान करने के बजाय वेंडरों को नकद राशि देकर उनके खाते से टैक्स का भुगतान कराते हैं. हाल के दिनों में ऑनलाइन सिस्टम खराब होने और नोटबंदी के बाद ऑनलाइन भुगतान की गति और भी कम हो गयी है. आम दिनों में यहां हर दिन लगभग 26 लाख रुपये टैक्स जमा होता था लेकिन अभी नोटबंदी के बाद से तीन से चार लाख रुपये ही जमा हो पा रहे हैं. हालात यह है कि अप्रैल माह में यहां भी पांच दिनों के लिए सिस्टम व लिंक फेल हो गया था, जिससे कोई भी कामकाज नहीं हो पा रहा था. परिवहन सिस्टम फेल है : गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कराने वाले वेंडर कैलाश अधर्जी ने बताया कि परिवहन का सिस्टम काम नहीं करता है. अक्सर लिंक फेल रहता है. इसको ठीक किया जाना चाहिए.
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