जमशेदपुर: कारमेल जूनियर कॉलेज में संचालित हिंदी माध्यम प्रोजेक्ट स्कूल बंद करने के मामले में स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को वार्ता के लिए बुलाया है. इसके लिए अभिभावकों को अलग-अलग समय दिया गया है. इससे संबंधित नोटिस शुक्रवार को अभिभावकों को दी गयी है.
नोटिस के अनुसार अभिभावकों को अलग-अलग पांच दिनों में टुकड़ों में वार्ता के लिए आना है. उक्त वार्ता के बाद तय होगा कि स्कूल का भविष्य क्या होगा. सूत्रों के अनुसार स्कूल प्रबंधन ने तय किया है कि सीनियर क्लास(चौथी, पांचवीं व छठी कक्षा) के बच्चों को स्कूल से बाहर कर दिया जायेगा. जूनियर क्लास(पहली, दूसरी व तीसरी कक्षा) के बच्चों को नियमित रूप से पढ़ाया जायेगा. हालांकि इसकी आधिकारिक रूप से घोषणा वार्ता के बाद होगी.
..तो, अमीर बच्चों की पढ़ाई भी करेंगे बाधित : संघ. जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ उमेश और तमाम 236 गरीब बच्चों के अभिभावकों ने घोषणा की है कि अगर गरीब बच्चों को स्कूल से बाहर कर स्कूल बंद कर दिया जाता है तो, हम स्कूल का घेराव करेंगे. कारमेल स्कूल गरीब विरोधी है, इसलिए गरीबों को स्कूल से बाहर किया जा रहा है. संघ के अध्यक्ष डॉ उमेश ने कहा कि अगर गरीब बच्चों का स्कूल बंद किया जायेगा तो, अमीर बच्चों के लिए चलने वाले कारमेल स्कूल भी नहीं चलने दिया जायेगा.
एक ही दिन वार्ता की मांग. आंदोलित जमशेदपुर अभिभावक संघ ने प्रोजेक्ट स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर गीता से मुलाकात की. संघ के अध्यक्ष डॉ उमेश ने स्कूल बंद करने से बच्चों की मानसिकता पर असर पड़ने के साथ-साथ उनके भविष्य पर भी चिंता जतायी. मामले में नये सिरे से विचार करने की मांग की. साथ ही सभी अभिभावकों को एक ही दिन वार्ता के लिए बुलाने की मांग की. उन्होंने कहा कि अलग-अलग दिन को वार्ता बुला कर प्रबंधन फूट डालो और राज करो की नीति अपना रहा है.
19 मार्च को सामूहिक वार्ता बुलायी अभिभावकों ने. अभिभावकों ने प्रिंसिपल सिस्टर गीता से मुलाकात कर कहा कि वे अलग-अलग मिलने के बजाय 19 मार्च को दोपहर 3 बजे सामूहिक रूप से वार्ता करेंगे. इस पर सिस्टर गीता राजी नहीं हुई. लेकिन इससे संबंधित एक लिखित मांग पत्र सिस्टर गीता को देने के साथ ही जिला शिक्षा विभाग को भी दिया गया है.