जमशेदपुर : सरकारी अस्पतालों में पर्ची पर कैपिटल लेटर में दवा का नाम लिखने का आदेश छह महीने पहले ही दिया गया था. साथ ही हाल में एमसीआइ ने भी इस आदेश को लागू कर दिया है. बावजूद एमजीएम व सदर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर पर्ची पर कैपिटल लेटर में दवा नहीं लिख रहे हैं. डॉक्टर दवा का नाम इस तरह से लिखते हैं कि मरीज तो दूर, कभी-कभी अस्पताल में दवा काउंटर पर बैठे कर्मचारी भी नहीं पढ़ पाते हैं.
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एमसीआइ के आदेश को भी नहीं मान रहे डॉक्टर
जमशेदपुर : सरकारी अस्पतालों में पर्ची पर कैपिटल लेटर में दवा का नाम लिखने का आदेश छह महीने पहले ही दिया गया था. साथ ही हाल में एमसीआइ ने भी इस आदेश को लागू कर दिया है. बावजूद एमजीएम व सदर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर पर्ची पर कैपिटल लेटर में दवा नहीं लिख रहे हैं. […]
दवा का नाम सिर्फ दुकानदार ही पढ़ पाते हैं. सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की लिखी पर्ची पर लिखी दवा का नाम सिर्फ अस्पताल के आसपास स्थित दुकानदार ही पढ़ पाते हैं. दूसरी जगह के दुकानदार पर्ची में लिखी दवा का नाम नहीं पढ़ पाते हैं.
एक सप्ताह पहले भी दिया गया था आदेश. दवा का नाम कैपिटल लेटर में लिखने व जेनरिक दवा लिखने का आदेश सिविल सर्जन एसके झा ने सदर अस्पताल के सभी डॉक्टरों के साथ बैठक कर दी थी. लेकिन उस आदेश का कोई भी डॉक्टर पालन नहीं कर रहे हैं.
एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों को ड्रेस में आने के साथ-साथ दवा का नाम कैपिटल लेटर में लिखने के लिए कहा गया है. लेकिन वे आदेश को नहीं मान रहे हैं. इसके लिए जल्द ही एक बैठक बुलायी जायेगी. आदेश का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जायेगी.
डॉ बी भूषण, उपाधीक्षक, एमजीएम
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