जमशेदपुर: ट्रैफिक नियमों को तोड़ कर जुर्माना देने में शहरवासियों ने 11 माह में पूर्व के वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है. ट्रैफिक पुलिस द्वारा जिला प्रशासन को दी गयी रिपोर्ट के अनुसार 1 अप्रैल 2016 से 28 फरवरी 2017 तक शहरवासियों ने ट्रैफिक पुलिस को 1 करोड़, 15 लाख, 18 हजार 960 रुपये जुर्माना […]
जमशेदपुर: ट्रैफिक नियमों को तोड़ कर जुर्माना देने में शहरवासियों ने 11 माह में पूर्व के वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है. ट्रैफिक पुलिस द्वारा जिला प्रशासन को दी गयी रिपोर्ट के अनुसार 1 अप्रैल 2016 से 28 फरवरी 2017 तक शहरवासियों ने ट्रैफिक पुलिस को 1 करोड़, 15 लाख, 18 हजार 960 रुपये जुर्माना दिया है. यह जुर्माना पूर्व के वर्षों से काफी अधिक है. पूरे राज्य में जमशेदपुर के लोग सबसे ज्यादा ट्रैफिक पुलिस को जुर्माना देते हैं. गाड़ियों के साथ हर साल बढ़ती जा रही है जुर्माना वसूलने की राशि.
शहर में हर वर्ष गाड़ियों की संख्या बढ़ने के साथ वसूली गयी जुर्माना की राशि भी बढ़ती जा रही है. वित्तीय वर्ष 2012-13 में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर 80.16 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया था. वित्तीय वर्ष 2013-14 में बढ़ कर 87 लाख रुपये, वित्तीय वर्ष 2014-15 अौर 2015-16 में लगभग एक करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया. वित्तीय वर्ष 2016-17 में ( फरवरी तक) 1, 15, 18, 960 रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है. बिना हेलमेट समेत अन्य ट्रैफिक नियम तोड़ने में वसूला गया है जुर्माना.
ट्रैफिक पुलिस द्वारा जुर्माना की यह राशि बिना हेलमेट पहने दुपहिया चलाने, ट्रिपल राइडिंग, नो इंट्री में इंट्री, नो पार्किंग में गाड़ी खड़ा करने, अोवर लोडिंग समेत अन्य ट्रैफिक नियमों को तोड़ने में वसूला जाता है. 28 को जिला स्तर पर होगी राजस्व वसूली की समीक्षा. जमशेदपुर. उपायुक्त अमित कुमार द्वारा 28 मार्च को राजस्व संग्रहण करने वाले सभी विभागों के साथ बैठक कर राजस्व वसूली की समीक्षा की जायेगी. जनवरी तक जिले में 416304.10 लाख लक्ष्य के विरुद्ध 241674.62 लाख (58.05%) की वसूली हुई थी.
पुलिस साधन विहीन, कड़ी धूप में खड़े होकर ड्यूटी करते हैं जवान
हर वर्ष लगभग एक करोड़ रुपये राजस्व देने वाली ट्रैफिक पुलिस बिना साधन के मैनुअल काम करने पर मजबूर है. कई बार योजना बनने के बावजूद ट्रैफिक पुलिस के लिए अब तक न ही छतरी खरीद की गयी है. धूप-बारिश में ट्रैफिक पुलिस को मुख्य चौराहे पर डयूटी करनी पड़ती है. ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए ट्रैफिक पोस्ट बनाये गये हैं, लेकिन उसमें खड़ा होकर गाड़ी नियंत्रण करना संभव नहीं हो पाता है. इसके साथ ही स्पीडो मीटर समेत अन्य उपकरण भी ट्रैफिक पुलिस को नहीं दिये गये हैं जिसके कारण गति सीमा की जांच नहीं हो पाती है. इसके अतिरिक्त पदाधिकारियों को छोड़ कर चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मियों को मैनपैक भी नहीं दिये गये हैं, जिससे किसी के द्वारा ट्रैफिक नियम तोड़ने पर अगले चौराहे में तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी को सूचित किया जा सके.