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मेरी लाश काे मिले तिरंगा, ताे…

जमशेदपुर : जमशेदपुर चेंबर अॉफ कॉमर्स द्वारा मंगलवार काे साकची रवींद्र भवन में हास्य कवि सम्मेलन का आयाेजन किया गया. हास्य कवि सम्मेलन में राजसमंद्र से आये संपत सुरीला, ऋषभदेव से आये बलबंत बल्लू, इंदाैर से आयी कवित्री वैशाली शुक्ला, केकड़ी से बुद्धि प्रकाश दाधीव आैर जयपुर से आये अशाेक चारण ने काव्य पाठ कर […]

जमशेदपुर : जमशेदपुर चेंबर अॉफ कॉमर्स द्वारा मंगलवार काे साकची रवींद्र भवन में हास्य कवि सम्मेलन का आयाेजन किया गया. हास्य कवि सम्मेलन में राजसमंद्र से आये संपत सुरीला, ऋषभदेव से आये बलबंत बल्लू, इंदाैर से आयी कवित्री वैशाली शुक्ला, केकड़ी से बुद्धि प्रकाश दाधीव आैर जयपुर से आये अशाेक चारण ने काव्य पाठ कर वहां माैजूद श्राेताआें काे ठहाकाें में जमकर लाेट-पाेट कराया. कवियाें ने मां शारदे की वंदना के बाद हास्य रस, राजनीति, यूपी चुनाव, मुलायम-माेदी, राहुल के साथ-साथ देशभक्ति व श्रृंगार रस की कविताआें से श्राेताआें काे लगातार चार घंटे तक बांधे रखा.
कवियत्री वैशाली शुक्ला ने सरस्वती वीणा वादिनी शारदे मां के साथ शुरूआत की. मोदी रा रा रा रा से भूमिका बनाते हुए मंच संचालक बुद्धि प्रकाश दाधीच ने संपत सुरीला को आमंत्रित किया, जिसने पैरोडी से कवि सम्मेलन को आगे बढ़ाया. अपने पैराेडी में कहा कि दहलीज पर तेरे रखे जो कदम, तेरे बाप ने जो ऐसा पीटा हो गये जख्म.’ उन्हाेंने बालिका भ्रूण पर ‘मेरे माता-पिता ही कसाई, बेटी जन्मी ताे रुसवाई, बेटा जन्मे तो बधाई…’ ये पंक्तियां जब हॉल में सुनायी, ताे श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ दाद दी. वीर रस का काव्य पाठ करते हुए अशोक चारण ने जमकर तालियां बटाेरी. आरक्षण, राजनीति, जेएनयू प्रकरण, सर्जिकल स्ट्राइक आैर देशभक्ति पर खुलकर अपनी बाताें काे श्राेताआें में साझा किया. हनुमंथप्पा प्रकरण पर खड़ी कविता प्रस्तुत की. भारत माता की जय नहीं बाेलने वालाें पर कटाक्ष करते हुए उन्हेंने कविता पढ़ी- ‘इस सनातनी धरा से दूर रहो तुम, यहां रस खान डोल कर चला गया, जरुरत नहीं कि तुम बोलो वंदे मातरम, यहां असफाकउल्लाह लाख बार बोल कर चला गया वंदे मातरम’. तिरंगे की शान में उन्हाेंने कहा कि ‘पांच कराेड़ की नाैकरी करनेवालाें काे यदि देश पर मरने के लिए कहे, ताे वह तैयार नहीं हाेगा, सिपाही-फाैज में रहनेवाले ही ऐसा कर सकते हैं’. कविता पढ़ी … ‘मेरी लाश काे मिले तिरंगा, ताे मर कर भी जी जाऊंगा… काश्मीर में लहरायी है शम्शीर हमारे वीराें ने’. दिव्यांग हास्य कवि बलवंत बल्लू ने छाेटे-छाेटे चुटकुलाें काे अपने तरीके से सुना कर वहां माैजूद श्राेताआें काे लाेटपाेट कर दिया.
कार्यक्रम की शुरुआत में अध्यक्ष माेहन लाल अग्रवाल ने जमशेदपुर चेंबर के महासचिव काे साकची गुरुद्वारा कमेटी का प्रधान बनाये जाने पर सम्मानित किया. इसके साथ ही राज्य अल्पसंख्यक आयाेग के उपाध्यक्ष गुरदेव सिंह राजा अाैर महिला आयाेग की चेयरमैन कल्याणी शरण, खादी बोर्ड के सदस्य कुलवंत सिंह बंटी काे सम्मानित किया गया. उद्घाटन सत्र का संचालन शंकर लाल मित्तल ने किया. स्वागत भाषण मोहन लाल भालोटिया ने दिया. कवि सम्मेलन में भाजपा महानगर अध्यक्ष दिनेश कुमार, केदारमल पलसानिया, दीपक भालोटिया, मिथिलेश कुमार, सीताराम, निर्मल काबरा, गोविंद दोदराजका, प्रभाकर सिंह, भंवर लाल खंडेलवाल, लाला जोशी, शिव प्रकाश शर्मा, अरुण बांकरेवाल, विकास सिंह, विकाश सिंह आदि श्राेता माैजूद थे.

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