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इस्तीफा देने वाले रोजगार सेवकों से समझौता नहीं

जमशेदपुर: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने सामूहिक इस्तीफा देने वाले रोजगार सेवकों से किसी प्रकार की वार्ता या समझौता नहीं करने का निर्देश डीडीसी सूरज कुमार को दिया है. मुख्य सचिव ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए जिले में तैयार मेधा सूची के आधार पर नयी नियुक्ति प्रारंभ करने का निर्देश दिया है. मुख्य सचिव राजबाला […]

जमशेदपुर: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने सामूहिक इस्तीफा देने वाले रोजगार सेवकों से किसी प्रकार की वार्ता या समझौता नहीं करने का निर्देश डीडीसी सूरज कुमार को दिया है. मुख्य सचिव ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए जिले में तैयार मेधा सूची के आधार पर नयी नियुक्ति प्रारंभ करने का निर्देश दिया है.

मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने वीडियो कांफ्रेसिंग कर जिले में मनरेगा अौर प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना की समीक्षा की. वीडियो कांफ्रेसिंग में ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी, संयुक्त सचिव रेखा रानी तथा जिले से डीडीसी सूरज कुमार, एनइपी की निदेशक रंजना मिश्रा, डीआरडीए की निदेशक उमा महतो, सभी बीडीअो, सभी बीपीअो मौजूद थे.

मुख्य सचिव ने जिले में रोजगार सेवकों के इस्तीफे की जानकारी ली. डीडीसी ने प्रखंडवार सामूहिक इस्तीफे की जानकारी दी, जिस पर मुख्य सचिव ने मेधा सूची के अनुसार नयी नियुक्ति करने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने शत प्रतिशत डोभा स्वीकृत करने तथा रोजगार सेवकों के इस्तीफे से उत्पन्न स्थिति से निबटने के लिए सीएसअो को सक्रिय रखने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने रोजगार सेवकों की नियुक्ति में महिलाअों को प्राथमिकता देने तथा मेट में सखी मंडल की महिलाअों का चयन करने का निर्देश दिया. भूमिहीनों को भी मिलेंगे प्रधानमंत्री आवास. मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने प्रधान मंत्री आवास की समीक्षा करते हुए सभी प्रखंडों में शत प्रतिशत ले आउट करने, शत प्रतिशत जिअो टैगिंग करने का निर्देश दिया. साथ ही भूमिहीन लाभुकों को निमयानुसार भूमि बंदोबस्त कर आवास उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

स्थानीय रोजगार सेवक होंगे बहाल
मुख्य सचिव द्वारा नये रोजगार सेवकों को नियुक्त करने का निर्देश देने के बाद जिला प्रशासन स्थानीय या आसपास के गांव-प्रखंड के युवकों को रोजगार सेवक के रूप में बहाल करने की तैयारी में है. इस संबंध में डीडीसी द्वारा सरकार से दिशा निर्देश मांगा जा रहा है. रोजगार सेवकों को प्रतिमाह 6050 रुपये मानदेय मिलता है अौर दूसरे प्रखंड या अनुमंडल से पदस्थापित होने से यह राशि आने-जाने में खर्च हो जाती है. इसे ध्यान में रखते हुए उसी गांव के या उसी प्रखंड के रोजगार सेवकों को बहाल करने पर प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है.

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