एक्सएलआरआइ. प्राकृितक संपदा बचाने व सस्टेनेबल बिजनेस ग्रोथ पर जोर, बोले वक्ता
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जिंदगी आसान बनाने वाला ही बाजार में टिकेगा
एक्सएलआरआइ. प्राकृितक संपदा बचाने व सस्टेनेबल बिजनेस ग्रोथ पर जोर, बोले वक्ता जमशेदपुर : जो लोगों की रोजाना की जिंदगी आसान बना सकेगा, वही बाजार में टिक पायेगा. नहीं करने वाला बाजार से बाहर हो जायेगा और वह विकसित बाजार तलाश नहीं सकेगा. सामाजिक उद्यमिता पर एक्सएलआरआइ के सेमिनार के दूसरे दिन यह बातें सामने […]
जमशेदपुर : जो लोगों की रोजाना की जिंदगी आसान बना सकेगा, वही बाजार में टिक पायेगा. नहीं करने वाला बाजार से बाहर हो जायेगा और वह विकसित बाजार तलाश नहीं सकेगा. सामाजिक उद्यमिता पर एक्सएलआरआइ के सेमिनार के दूसरे दिन यह बातें सामने आयीं. चार सत्रों में चले इस सेमिनार में शनिवार को मुख्य तौर पर प्राकृतिक संपदाओं को सस्टेनेबल पर फोकस किया गया. इससे संबंधित कई सारे केस स्टडी भी छात्रों के बीच रखे गये.
जलस्रोतों को मैनेज करें तो होगा ग्रोथ
सेमिनार के पहले सत्र में जलस्रोतों को नियंत्रित करने के लिए बाजार की जरूरतों पर प्रकाश डाला गया. वाटरशेड ऑर्गेनाइजेशन ट्रस्ट के सीएसआर स्पेशलिस्ट हेमंत पिंजन ने कहा कि पानी हमेशा की जरूरत बनी रहेगी. इसे मैनेज करने में किस तरह की उद्यमिता दिखायी जा सकती है और इसके जरिये कैसे लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सकता है, इस पर उन्होंने प्रकाश डाला. ग्राम विकास के चेयरमैन सह संस्थापक जोय मेडियथ ने केस स्टडी प्रस्तुत कर बताया कि किस तरह पानी के जरिये वे गांव का विकास करने के साथ ही रोजगार भी सृजित कर रहे हैं और अपने कारोबार को भी आगे बढ़ा रहे हैं. इसी तरह इंटीग्रेटेड डिजाइन के प्रिंसिपल मोहन एस राव और बायोमे इन्वायरमेंटल सोल्यूशन के शुभ रामचंद्रन ने केस स्टडी प्रस्तुत कर कहा कि किस तरह गांवों में छोटे-छोटे खोज के जरिये पानी को सिंचित करने के लायक बनाया जा सकता है. खेतिहर किसान भी अपना जीवन स्तर ऊपर उठा सकते हैं :
तीसरे सत्र के दौरान खेती के विकास पर चल रहे कार्यों पर प्रकाश डाला गया. इस दौरान जैविक हाट के संस्थापक आशीष गुप्ता, सेंटर फॉर सस्टेनेबल एग्रिकल्चर के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रामानजयेयुलु जीवी और धरनी कॉर्प के सीओओ सतीश कुमार ने विस्तार से खेती के बदलते स्वरूप पर प्रकाश डाला. वक्ताओं ने कहा कि खेतिहर किसान भी अब अपना जीवन स्तर ऊपर उठा सकते हैं. इसके लिए तरीकों में बदलाव करने की जरूरत है.
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