जमशेदपुर: जमशेदपुर से दो-दो बार सांसद रहे शैलेंद्र महतो और उनकी पत्नी आभा महतो ने फिर भाजपा का दामन थामने का फैसला किया है. दिल्ली में भाजपा के वरीय नेताओं का निर्देश मिलने के बाद शुक्रवार को दिन में महतो दंपती ने विधायक रघुवर दास और शाम में रांची में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र राय से मुलाकात कर अपनी इच्छा जतायी. हालांकि दोनों ने इस संबंध में फिलहाल कुछ भी बोलने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि शिष्टाचार मुलाकात के तहत वे रघुवर दास से मिलने गये थे.
इधर श्री दास ने कहा कि दोनों पूर्व सांसदों से काफी देर तक कई मुद्दों पर चर्चा हुई. चर्चा क्या हुई, इसका खुलासा करने से उन्होंने इनकार किया. वहीं, राजनीतिक गलियारों से मिली जानकारी के अनुसार शैलेंद्र-आभा को राष्ट्रीय नेतृत्व ने ग्रीन सिगAल दे दिया है. दोनों नेताओं को भाजपा में हर तरफ मिल रहे सकारात्मक संकेतों से काफी बल मिल रहा है. दोनों के करीबी सूत्रों ने बताया कि पहला काम पार्टी की प्राथमिक सदस्यता हासिल करना है, इसके बाद पार्टी का जो निर्देश होगा, चाहे वह लोकसभा हो या फिर विधानसभा चुनाव, लड़ा जायेगा.
1989 से 1996 तक दो बार शैलेंद्र महतो ने झामुमो के टिकट पर और 1998 से 2004 तक आभा महतो ने भाजपा के टिकट पर जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है. झामुमो के दिवंगत सांसद सुनील महतो से मिली हार के बाद आभा महतो ने सक्रिय राजनीति से किनारा कर लिया था. जमशेदपुर लोकसभा में भाजपा की पकड़ ढीली होती देख शैलेंद्र और आभा महतो को फिर से पार्टी में लाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने पहल शुरू की .
कोल्हान में भाजपा के पास कोई बड़ा महतो नेता नहीं होने के कारण पार्टी को लोकसभा व विधानसभा की कई सीटों पर परेशानियों का सामना करना पड़ता था. महतो दंपती के बच्चे भी बड़े हो गये हैं, इसलिए उन्होंने सक्रिय राजनीति में लौटने का फैसला किया है.