जमशेदपुर : जुस्को श्रमिक यूनियन में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कुर्सी को लेकर किचकिच जारी है और यह मामला अब प्रबंधन के पाले में चला गया है. विपक्ष ने प्रबंधन को मौजूदा स्थिति के बारे में आगाह करते हुए साफ कहा है कि अवैध तरीके से महामंत्री व अन्य कुर्सी पर बैठे रहना चाहते है, जो गलत है. इसका हर स्तर पर विरोध होगा. अब तक चल रहे विवाद में प्रबंधन ने भी तल्खी दिखायी है. सत्ता पक्ष ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की ही तरह ट्रंप कार्ड खेला है. जिस तरह बराक ओबामा से अब तक ट्रंप ने सत्ता नहीं ली है और तय समय पर ही सत्ता का हस्तांतरण होगा उसी तरह जुस्को यूनियन में भी सत्ता 1 अप्रैल 2017 से नयी कमेटी को दे दी जायेगी.
यूनियन में घुसने की तैयारी में नवनिर्वाचित पदाधिकारी
नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का अब सब्र जवाब दे रहा है. इन पदाधिकारियों ने यूनियन में जबरन घुसने की तैयारी कर दी है. आशंका जतायी जा रही है कि ये लोग जबरन यूनियन में घुस सकते है. खरमास शनिवार को खत्म हो रहा है, जिसके बाद सभी यूनियन में अाना-जाना शुरू करेंगे. नवनिर्वाचित महामंत्री वीडी गोपाल कृष्णा सास के निधन को लेकर फिलहाल व्यस्त है. इसके बाद वे भी यूनियन आना जाना शुरू कर देंगे.
नियम से चलेगी यूनियन या मनमर्जी, यह बताये
मुझे समझ नहीं आता है कि किस नियम से लोग यूनियन चलाना चाहते है. हमें तो लगता है वे लोग मनमरजी ही सब कुछ चलाना चाहते है. जब कार्यकाल को मानते है तो कार्यकाल 2016 में ही समाप्त हो चुका है. एक साल देर से चुनाव हुआ है, फिर क्यों 1 अप्रैल 2017 का पेंच लगाया जा रहा है, यह बात समझ नहीं आ रही है. कहीं न कहीं नियत में खोट है.
– वीडी गोपाल कृष्णा, नवनिर्वाचित महामंत्री, जुस्को यूनियन
इतने उतावले क्यों, तीन साल का समय मिलेगा
नये लोग इतने उतावले क्यों हो रहे है. जब कार्यकाल 31 मार्च 2017 तक है तो उस समय तक तो हमें अवधि पूरी कर लेने दें. तीन साल नवनिर्वाचित लोगों को भी समय मिलेगा, इसके लिए इतनी परेशानी क्यों है. ऐसे लोगों को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सत्ता तक पहुंचने और वर्तमान स्थिति का अध्ययन कर लेना चाहिए.
– एसएल दास, निवर्तमान महामंत्री, जुस्को श्रमिक यूनियन