हत्या में प्रयुक्त चाकू तथा खून लगा कपड़ा व घर की अालमारी से चोरी कर पहनी हुई नयी शर्ट को पुलिस ने उलीडीह शंकोसाई रोड नंबर एक के पास सुवर्णरेखा नदी किनारे से जब्त किया है. साकची में दुकान से एक्सचेंज किये चांदी के अाभूषण भी बरामद कर लिये गये हैं. इसकी जानकारी एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में दी. मौके पर सिटी एसपी प्रशांत आनंद, डीएसपी केएन मिश्रा, पटमदा डीएसपी अजय केरकेट्टा, जांच टीम में शामिल उलीडीह थानेदार बिनोद कुमार पासवान, कदमा थानेदार अनिमेष गुप्ता मौजूद थे.
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मौसेरी बहन के प्यार में बैंक मैनेजर बना हत्यारा
जमशेदपुर: उलीडीह के मधुसूदन काॅम्प्लेक्स के डी चौधरी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 105 में रहने वाली मंजू उर्फ दीपा तथा उसके साढ़े तीन वर्ष के बेटे द्विज की हत्या पूरी प्लानिंग के साथ उसके पति शशि कुमार (बैंक मैनेजर, उम्र करीब 46 वर्ष) ने करायी है. शशि गुजरात में रहने वाली 18 साल की अपनी […]
जमशेदपुर: उलीडीह के मधुसूदन काॅम्प्लेक्स के डी चौधरी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 105 में रहने वाली मंजू उर्फ दीपा तथा उसके साढ़े तीन वर्ष के बेटे द्विज की हत्या पूरी प्लानिंग के साथ उसके पति शशि कुमार (बैंक मैनेजर, उम्र करीब 46 वर्ष) ने करायी है. शशि गुजरात में रहने वाली 18 साल की अपनी मौसेरी बहन से शादी करने का प्लान बना चुका था. शादी में पत्नी दीपा तथा गोद लिया बेटा द्विज बाधक बन गये थे. इसी वजह से दो माह पूर्व उसने हत्या की प्लानिंग की और मून सिटी हनुमान मंदिर के पास रहने वाले मुकेश शर्मा और उसके बहनोई मोहन शर्मा के सहयोग से 15 नवंबर को हत्या करा दी.
पांच लाख की सुपारी, एक लाख एडवांस
बैंक मैनेजर ने मंजू और द्विज की हत्या पांच लाख रुपये सुपारी देकर करायी. एक लाख एडवांस दिया गया, बाकी चार लाख रुपये मुकेश को कोलकाता में मिलने वाला था. प्लानिंग में यह भी तय किया गया था कि हत्या के 10 दिन बाद मुकेश कोलकाता इंडियन ओवरसीज बैंक में आयेगा, जहां शेष राशि दे दी जायेगी.
बालकनी का दरवाजा खोलना व एक ग्लब्स फेंकना प्लान का हिस्सा : एसएसपी ने बताया कि बैंक मैनेजर शशि कुमार ने हत्या का प्लान कुछ इस तरह से बनाया था कि पुलिस को हर बिंदु पर होने वाली जांच में गुमराह किया जा सके. मुकेश से सिर्फ दो बार ही उसने मुलाकात की. एक मुलाकात में पेपर में लिखकर प्लानिंग दी और दूसरी बार हत्या की सुपारी का एडवांस दिया. तकनीकी सेल के माध्यम से पकड़े जाने का अंदेशा व्यक्त करते हुए मैनेजर ने मुकेश को प्लानिंग देने के बाद मोबाइल फोन पर कांटेक्ट नहीं रखने को कहा. उसने मुकेश को यह भी बताया था कि घर के ताले की चाबी कहां रहती है. हत्या के बाद दरवाजा में घरेलू ताला बंद करना है, ताकि किसी को संदेह न हो. हत्या के बाद पीछे बालकनी का दरवाजा थोड़ा खुला रखने को कहा था. हैंड ग्लब्स पहनने और हत्या के बाद एक ग्लब्स बालकनी से बाहर जंगल की तरफ फेंकने को कहा था ताकि पुलिस जब खोजी कुत्तों की मदद ले तो साफ हो जाये कि अपराधी जंगल की तरफ से भागे हैं.
पेपर में लिखकर मुकेश को दी थी हत्या की प्लानिंग : शशि कुमार को कोई संतान नहीं थी. पत्नी के इलाज में काफी खर्च के बाद भी जब संतान नहीं हुई, तो दीपा ने जिद कर गुवहाटी (असम) में साढ़े तीन वर्ष पूर्व बच्चे को खरीदा. उसका फरजी जन्म प्रमाण-पत्र बनाया. बच्चा बड़ा होने के बाद बैंक मैनेजर की जायदाद का मालिक बन जाता, इन बातों को लेकर पिछले कई माह से दीपा व शशि में विवाद होता था. इसी बीच शशि ने माैसेरी बहन से शादी का प्लान बनाया. नयी जिंदगी की शुरुआत करने से पहले उसने पत्नी व द्विज को रास्ते से हटाने का प्लान दो माह पूर्व बनाया था. इसके लिए शशि ने पूर्व में घर में फर्नीचर का काम कर चुके मुकेश शर्मा से संपर्क किया. किस दिन, कैसे घटना को अंजाम देना है, इसकी प्लानिंग शशि ने मुकेश को पेपर पर लिखकर दी थी. पेपर में इस बात का उल्लेख था कि हत्या 15 नवंबर को करनी है. एडवांस छठ पूजा से दो दिन पहले एनएच-33 स्थित बिग बाजार के पास रोड पर लेना है. हत्या के बाद शेष राशि कोलकाता में दी जायेगी.
दीपा-द्विज हत्याकांड: दो माह से रची जा रही थी साजिश, शशि और मुकेश नहीं रखते थे फोन से संपर्क मुकेश लेने गया लोन, बैंक मैनेजर ने दी सुपारी
बैंक मैनेजर शशि कुमार ने अपने घर पर एक वर्ष पूर्व मून सिटी में रहने वाले कारपेंटर मुकेश शर्मा से फर्नीचर का काम कराया था. काम के दौरान मुकेश की बैंक मैनेजर से पहचान हो गयी थी. उस वक्त शशि मानगो इंडियन ओवरसीज बैंक में मैनेजर पद पर था. इसी दौरान मुकेश ने बैंक में अपना खाता खोलवाया. मुकेश की बहन की शादी 8 दिसंबर को होने वाली थी (जो घटना के बाद टूट गयी). शादी के लिए उसे रुपये की जरूरत थी. वह बैंक से लोन लेना चाहता था. चूंकि उसका खाता बैंक मैनेजर शशि कुमार ने खोलवाया था, इस वजह से दो माह पूर्व मुकेश ने शशि कुमार से लोन संबंधी बातचीत की. बैंक मैनेजर ने मुकेश का लोन सैंक्शन होने से इनकार करते हुए कहा कि एक ‘बड़ा काम’ करने पर उसे पांच लाख रुपये मिलेंगे. मुकेश ने बैंक मैनेजर की बात मान ली. इसके बाद बैंक मैनेजर दो माह पूर्व शहर आया था, तो उसने मुकेश को बुलाकर ‘बड़ा काम’ के बारे में बताया. बैंक मैनेजर ने मुकेश को अपनी पत्नी दीपा और गोद लिये बेटे की हत्या करने की सुपारी पांच लाख रुपये में दे दी. मुकेश ने इस काम में बहनोई मोहन शर्मा का साथ लिया.
..और ‘बड़ा काम’ मुकेश और मोहन ने कर दिया : एसएसपी ने बताया कि प्लानिंग के मुताबिक 15 नवंबर को तीन से साढ़े तीन बजे के बीच हत्या होनी थी. दूसरे दिन 16 नवंबर को बैंक मैनेजर ने पत्नी के मोबाइल फोन पर कॉल किया. फोन किसी ने रिसीव नहीं किया. इस पर बैंक मैनेजर को पता चला गया कि काम हो गया है. फिर भी उसने भुवनेश्वर से सच्चाई जानने के लिए अपने साथी आदित्य को फोन किया. आदित्य 16 नवंबर की सुबह फ्लैट 105 में आया तो उसने ताला बंद देखा. फिर दिन के 12.30 बजे आया तब भी ताला बंद था. फिर मैनेजर ने शाम को आदित्य को तीसरी बार फ्लैट में भेजा. शाम में भी ताला बंद होने पर बैंक मैनेजर ने आदित्य को बालकनी की तरफ से जाकर देखने को कहा. आदित्य बालकनी की तरफ गये, जहां दरवाजा खुला देखा और जानकारी मैनेजर को दी. यह सुनने के बाद मैनेजर संतुष्ट हो गया कि उसका ‘बड़ा काम’ मुकेश और मोहन ने कर दिया है.
मुकेश-मोहन ने कोलकाता में बेचे सोने के जेवर : दीपा और द्विज की हत्या करने के बाद अलमीरा से मुकेश को चांदी की दो पायल व बच्चे का एक सेट कंगन तथा मोहन को कुछ सोने के जेवर हाथ लगे थे. मुकेश ने बहन की शादी का कार्ड दिखाकर 180 ग्राम चांदी के अाभूषण को साकची जगदीश ज्वेलर्स में एक्सचेंज कर 120 ग्राम चांदी का जेवर लिया. यह काम मुकेश ने 16 नवंबर को किया. इसके बाद 17 नवंबर को सुबह मुकेश और मोहन कोलकाता चले गया. कोलकाता में मोहन ने सोने के जेवर बेचे. जेवर बेचने पर उसे 35 हजार रुपये मिले. पुलिस जेवर को जब्त करने कोलकाता जायेगी.
मुकेश व बैंक मैनेजर को आज भेजा जायेगा जेल : एसएसपी ने बताया कि पोटका के हाता मोड़ में फर्नीचर दुकान में काम करने गये मून सिटी निवासी मोहन शर्मा की 22 नवंबर को तेज हथियार से हत्या करने के मामले में गिरफ्तार साला मुकेश शर्मा को शुक्रवार को जेल भेजेगी. साथ ही गिरफ्तार बैंक मैनेजर शशि कुमार को उलीडीह पुलिस पत्नी मंजू और द्विज की हत्या में जेल भेजेगी. बाद में मुकेश को पुलिस डबल मर्डर केस में रिमांड करायेगी.
डीएनए टेस्ट से केस को पुलिस दिलायेगी मजबूती : पुलिस आरोपी को सजा दिलाने के लिए डीएनए टेस्ट कराकर केस को मजबूती प्रदान करेगी. पुलिस ने घटनास्थल से जब्त खून के सैंपल, फिंगर प्रिंट, मृतका के हाथ में आरोपी के बाल को डीएनए टेस्ट के लिए जब्त किया था. एसएसपी ने बताया कि हत्याकांड के दूसरे दिन पुलिस ने रांची से फॉरेंसिक लैब, सीआइडी की टीम द्वारा साइंटिफिक तरीके से जांच करायी थी. नदी जाकर मुकेश और मोहन ने किया स्नान : मंजू और द्विज की हत्या करने के बाद मुकेश और मोहन पैदल ही शंकोसाइ रोड नंबर एक के पास स्वर्णरेखा नदी गये. वहां पर चाकू और खून लगे कपड़ों को फेंका. नदी में स्नान किया और सीधे दुकान जाकर पैंट शर्ट खरीदा.
अखबार और फुटेज से मिली सफलता
15 नवंबर को मंजू और द्विज की हत्या के बाद पुलिस ने मधुसूदन कांप्लेक्स के मेनगेट व अन्य जगहों पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला. घटना स्थल पर पुलिस को एक अखबार मिला था. इधर जांच में बैंक मैनेजर ने पुलिस को बताया कि उनके घर कई माह से अखबार आना बंद हो गया है. पुलिस ने यह मान लिया कि अखबार हत्यारे लेकर आये थे. जांच में पुलिस को फुटेज हाथ लगा. फुटेज में दो की तसवीर मिली, जिसमें आगे चल रहे व्यक्ति ने बैग पकड़ा था और पीछे चल रहे व्यक्ति ने हाथ में अखबार पकड़ा था. पुलिस ने हाथ में अखबार देखकर अंदाजा लगा लिया कि इन्हीं दोनों ने हत्या की है. छानबीन में पुलिस ने घर से दो नई शर्ट गायब होने की सूचना दी थी. फुटेज में यह भी साफ दिखाई दे रहा है कि जो व्यक्ति अंदर घुसा है वही दोनों आधे घंटे के बाद बाहर निकलते हैं, लेकिन दोनों ने शर्ट चेंज की है. पीछे व्यक्ति फोन पर बात करते निकल रहा था, जो पुलिस की जांच में सफलता का केंद्र बिंदु बना. पुलिस ने उस समय में अपार्टमेंट में तकनीकी सेल की मदद से मोबाइल नंबर की जांच शुरू की तो चार-पांच नंबर सामने आये. इसमें एक मोबाइल नंबर मृतक मोहन का भी था. पुलिस मोबाइल नंबर के आधार पर दोनों तक पहुंचने में जुट गयी थी. इस बीच 22 नवंबर को कोलकाता में बेचे गये जेवर की राशि के बंटवारे को लेकर हुए विवाद में मुकेश ने हाता में बहनोई मोहन की हत्या कर दी. घटना स्थल पर मिले मोबाइल नंबर की जांच जब पुलिस ने शुरू की तो यह पता चल गया कि वह मोबाइल फोन 15 नवंबर मधुसूदन अपार्टमेंट में भी इस्तेमाल किया गया था. एसएसपी ने बताया कि यदि हाता में हत्या नहीं होती, तो पुलिस दो से तीन दिनों के अंदर मुकेश और मोहन को गिरफ्तार कर लेती.
पांच लाख सुपारी से संतुष्ट नहीं था मोहन
बैंक मैनेजर ने सुपारी की राशि एक लाख रुपये मुकेश को दी थी. मुकेश ने एक लाख में से 50 हजार रुपये मोहन को दे दिये. हत्या के बाद मोहन हमेशा मुकेश से कहता था कि उसने बहुत कम कीमत पर इतना बड़ा काम किया है. डील 10 लाख में होनी चाहिए थी. 50 हजार मिलने के बाद कोलकाता में मोहन ने जेवर बेचकर जो राशि (35 हजार) मिली, उसे अपने पास रख लिया. पुलिस ने बताया कि मुकेश को यह संदेह हुआ कि मोहन ने 35 हजार की राशि को पत्नी के एकाउंट में जमा करा दिया. उस राशि का हिस्सा उसे नहीं मिला. इसको लेकर मुकेश के दिल में मोहन के प्रति नाराजगी पैदा हो गयी.
किसी अनबन की भनक तक नहीं थी दीपा के घरवालों को
गया. बिहार में गया शहर के गोसाईंबाग में रहनेवाले दीपा के मायकेवालों को कहीं से इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि दीपा और उसके पति के बीच किसी प्रकार का मनमुटाव है. खुद को बीमार बता रहे दीपा के भाई राधेश्याम प्रसाद ने बताया कि उनकी बहन की शादी करीब 15 वर्ष पहले बिहारशरीफ के बैंककर्मी शशि से हुई थी. तब से दीपा की हत्या की घटना के पहले तक उनलोगों को दीपा के घर में किसी अनबन की कोई भनक तक नहीं थी. वे सोच नहीं सकते थे कि कि उनकी बहन के साथ ऐसा कुछ हो सकता है. श्री प्रसाद ने बताया कि उनका परिवार इस मामले पर निरंतर नजर रख रहा है. जो भी जरूरत पड़ेगी, वे लोग करेंगे. उनके मुताबिक, दो दिन पहले ही दीपा के पति शशि का भाई पप्पु उनसे मिलने आया था. बिहार शरीफ में गल्ले के कारोबार से जुड़ा पप्पु चाहता था कि वे लोग जमशेदपुर पहुंच कर बातचीत कर पत्नी की हत्या के मामले में उलझे उसके भाई को राहत दिलाने में मदद करें. श्री प्रसाद ने कहा कि उन्होंने जमशेदपुर जाने से मना कर दिया और कहा कि जांचकर्ता जो कुछ पड़ताल कर रहे हैं, उसमें किसी तरह के हस्तक्षेप का कहीं कोई सवाल ही नहीं उठता. उल्लेखनीय है कि राधेश्याम प्रसाद समेत मृतका दीपा के तीन भाई गया के गोसाईंबाग में ही रहते हैं. एक भाई पटना और एक अन्य बंगलुरु में रहता है.
शर्ट बदलकर निकलने की तसवीर सीसीटीवी में कैद
15 को शशि ने पत्नी को फोन किया था : शशि ने 15 नवंबर को पत्नी को फोन किया. कहा कि बालकोनी में परदा लगाने के लिए मिस्त्री घर पर आयेंगे. इसके अलावा शशि ने बच्चे को स्कूल ले जाने के लिए वैन चालक को भी फोन किया था. वैन चालक अपार्टमेंट में पहुंचा, लेकिन वहां द्विज खड़ा नहीं था, वह लौट गया. दिन के तीन बजे मुकेश हाथ में अखबार लिये और मोहन काले रंग का बैग लिये फ्लैट में पहुंचे. दरवाजा खोलवाया. दरवाजा दीपा ने खाेला. दीपा ने दोनों को बैठाया. मुकेश ने पानी पीने की इच्छा जाहिर की. दीपा पानी लेने कीचन की तरफ जा रही थी कि पीछे से मुकेश ने उसे कब्जे में ले लिया. दीपा की आवाज बाहर न जाये, इसके लिए मुकेश दीपा को बेडरूम में ले गया और चाकू से गला काट दिया. शोर सुनकर दीपा का बेटा दौड़कर आया और चिल्लाने का प्रयास कर रहा था तब तक मोहन ने उसे अपने कब्जे में ले लिया और उसका गला रेत डाला. भय की वजह से द्विज ने शौच कर दिया. हत्या के वक्त दोनों की शर्ट पर खून लग चुका था. इसके बाद दोनों ने अालमारीसे नयी शर्ट निकाल कर पहनी और खून लगी शर्ट बैग में डाल लिया. अलमारी से पांच हजार रुपये व जेवर निकाल कर बैग में डाले और फिर ताला बंद कर चले गये.
मैनेजर कई बार गया था गुजरात : बैंक मैनेजर को गुजरात में मौसेरी बहन से प्यार हो गया था. मौसेरी बहन 18 वर्ष की है. उससे मिलने के लिए बैंक मैनेजर कई बार गुजरात जा चुका है. यह बात बैंक मैनेजर ने पुलिस को पूछताछ में बतायी है. पुलिस के मुताबिक बैंक मैनेजर अपने नये वैवाहिक जीवन की शुरुआत पूरी तरह से नये तरीके से करना चाहता था, इसलिए उसने पत्नी व बेटे की हत्या करा दी.
धर्मेंद्र को पुलिस बना सकती है गवाह : दीपा और द्विज हत्याकांड की जानकारी मुकेश ने अपने साथी धर्मेंद्र को दी थी. पुलिस ने धर्मेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पुलिस को धर्मेंद्र की हत्या में कोई संलिप्तता नहीं मिली है. पुलिस उसे पूछताछ के बाद रिहा कर देगी. यह भी हो सकता है कि पुलिस उसे मामले में गवाह बना ले.
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