प्राची की शादी कुछ हफ्ते पहले तय हुई थी और सगाई की रस्म भारत-नेपाल सीमा पर वीरगंज में रखी थी. लेकिन भारत सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा के कारण असर पड़ना स्वाभाविक था. परंपरा के अनुसार, अपने होने वाले दामाद को डॉ सुरेंद्र को शगुन के तौर पर कुछ देना था, लेकिन उनके पास इतनी नकदी नहीं थी, इसलिए उन्होंने चेक देना सही समझा, जिसे नीरज ने खुशी-खुशी स्वीकार किया.
समारोह में नेपाल स्थित भारतीय दूतावास के कई अधिकारी भी शामिल हुए व शगुन के तौर पर चेक दिये जाने का स्वागत किया. दूतावास के काउंसेलर कृष्णा चेतन्य ने कहा कि लोग इस समारोह को लंबे समय तक याद रखेंगे, यह एक ऐतिहासिक पल है. दूसरी ओर सगाई के बाद डॉ सुरेंद्र यादव का परिवार शनिवार को जमशेदपुर लौट रहा है. समस्तीपुर से प्रभात खबर से बातचीत में डॉ यादव ने कहा कि कैश नहीं होने के कारण चेक देना पड़ा.