जमशेदपुर:" टाटा पिगमेंट में बोनस समझौता नये बोनस फॉर्मूला के पेच में फंस गया है. नये फॉर्मूला पर यूनियन ने कुछ प्वाइंट पर सहमति जतायी है, लेकिन कुछ पर प्रबंधन -यूनियन के बीच जिच कायम है. विगत दिनों कमेटी मीटिंग में यूनियन के ज्यादातर सदस्यों ने भविष्य को देखते हुए नया फॉर्मूला स्वीकार नहीं करनी […]
जमशेदपुर:" टाटा पिगमेंट में बोनस समझौता नये बोनस फॉर्मूला के पेच में फंस गया है. नये फॉर्मूला पर यूनियन ने कुछ प्वाइंट पर सहमति जतायी है, लेकिन कुछ पर प्रबंधन -यूनियन के बीच जिच कायम है. विगत दिनों कमेटी मीटिंग में यूनियन के ज्यादातर सदस्यों ने भविष्य को देखते हुए नया फॉर्मूला स्वीकार नहीं करनी की बात कही थी. जिस पर अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने बीच का रास्ता निकालने की बात कही है.
सूत्र बताते हैं कि प्रबंधन से सार्थक पहल नहीं होने पर यूनियन छठ के बाद कड़ा फैसला ले सकती है. कंपनी के लगभग 138 कर्मचारियों को उम्मीद थी कि इस वर्ष बेहतर बोनस मिलेगा ,लेकिन दीपावली और छठ बीतने को है लेकिन बोनस समझौता नहीं हो सका. हालांकि प्रबंधन ने दुर्गापूजा के दौरान ही कर्मचारियों के खाते में 10 प्रतिशत एडवांस बोनस की राशि भेज दी थी.
लेकिन बोनस को लेकर जिच कायम है.बोनस समझौते में देरी होने से यूनियन पदाधिकारियों एवं कमेटी मेंबर पर कर्मचारियों का दबाव बढ़ रहा है. दबे स्वर में प्रबंधन के कार्यक्रमों का बहिष्कार करने की मांग उठ रही है.