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जुगसलाई में नवजातों की मौत पर एक लाख मुआवजा
जमशेदपुर : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुगसलाई के प्रसव गृह में 14 दिसंबर 2013 की रात को मृत तीन नवजातों की मां मीना देवी, करमी महतो व चंचला भूमिज को एक-एक लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की है. गौरतलब है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र […]
जमशेदपुर : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुगसलाई के प्रसव गृह में 14 दिसंबर 2013 की रात को मृत तीन नवजातों की मां मीना देवी, करमी महतो व चंचला भूमिज को एक-एक लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की है.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकत्सिा पदाधिकारी डॉ भारती मिंज को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के लिए दोषी मानते हुए नवजात शिशुओं के परिजनों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने की अनुशंसा की थी. कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में डॉ मिंज के विरुद्ध के विभागीय कार्यवाही करते हुए निंदन की सजा के साथ-साथ एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है.
दिसंबर 2015 में ही दिया गया था मुआवजा भुगतान का आदेश : बच्चों की मौत के मामले की कई बार जांच हुई, जिसकी रिपाेर्ट स्वास्थ्य सचिव से लेकर मानवाधिकार आयाेग तक भेजी गयी. एनएचआरसी के जस्टिस डी मुरुगेशन ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव काे राशि भुगतान करने आैर अन्य कार्रवाई की रिपाेर्ट चार सप्ताह में साैंपने का निर्देश दिसंबर 2015 में ही दिया था. एनचआरसी ने अपने आदेश में कहा था- जांच टीम ने रिपाेर्ट में साफ उल्लेख किया है कि मीना देवी, करमी महतो, चंचला भूमिज व एक अन्य परिवार के बच्चे जन्म के वक्त स्वस्थ थे. उस वक्त डॉक्टर भारती मिंज के अस्पताल में नहीं रहने व बेबी वॉर्मर उपलब्ध नहीं हाेने के कारण बच्चाें काे नहीं बचाया जा सका.
14 अक्तूबर 2014 काे साैंपी गयी थी रिपाेर्ट : आयाेग के न्यायाधीश ने कहा था कि नवजातों की माैत के मामले में सत्येंद्र सिंह ने शिकायत दर्ज करायी थी. सत्येंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच के बजाय विभागीय पदाधिकारी मामले की लीपापाेती कर रहे हैं. सत्येंद्र सिंह ने स्वतंत्र आयाेग के माध्यम से जांच की मांग की थी. आयाेग के सख्त रवैया के बाद 14 अक्तूबर 2014 काे स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी ने रिपाेर्ट साैंपी थी.
डॉ मिंज काे बरखास्त हाें
इस मामले में लापरवाह डॉक्टर भारती मिंज के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला चलाया जाना चाहिए. उन्हें अविलंब बर्खास्त किया जाना चाहिए. पीड़ितों काे 1-1 लाख रुपये का मुआवजा नाकाफी है, लेकिन जब सरकार ने यह राशि स्वीकृत कर दी है, ताे उपायुक्त अपने हाथाें से यह राशि प्रदान करें.
सत्येंद्र सिंह, पूर्व सैनिक सह आंदाेलनकारी
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