जमशेदपुर: झारखंड में पले-बढ़े और जमशेदपुर समेत कई जिलों में एसपी और आइजी रैंक तक का कामकाज संभाल चुके डॉ अरुण उरांव पुलिस की नौकरी छोड़नेवाले हैं. उन्होंने मंगलवार को पंजाब से ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में इसकी जानकारी दी.
चंडीगढ़ में आइजी के रूप में पदस्थापित पंजाब कैडर के आइपीएस अधिकारी डॉ अरुण उरांव ने बताया कि उन्होंने लंबे अरसे तक पुलिस की नौकरी की. अब अपने राज्य की सेवा करने के लिए राजनीति में आना चाहते हैं. शुक्रवार (सात फरवरी) को वे नौकरी से इस्तीफा दे देंगे. डॉ उरांव ने यह भी घोषणा की कि वे लोहरदगा से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. क्या वे कांग्रेस से ही चुनाव लड़ेंगे, इस प्रश्न पर कहा कि कांग्रेस ही नहीं, उनके पास कई विकल्प खुले हुए हैं. 10 फरवरी को वह रांची आनेवाले हैं.
खास बातें
बिहार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व आइपीएस ऑफिसर बंदी उरांव के पुत्र हैं.
पत्नी गीताश्री उरांव कांग्रेस से सिसई की विधायक हैं और शिक्षा मंत्री, झारखंड हैं.
एकीकृत बिहार में रणजी क्रिकेट खेल चुके हैं.
रिम्स (उस समय आरएमसीएच), रांची से एमबीबीएस डॉक्टर डॉ अरुण उरांव तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी, वीपी सिंह, चंद्रशेखर और नरसिम्हा राव के चिकित्सा दल में शामिल रहे.
जन्मभूमि के काम न आया, तो जीवन बेकार
डॉ अरुण उरांव ने बताया कि वे हमेशा झारखंड से बाहर रहे हैं. वर्ष 2001 से 2005 तक जब वह झारखंड में पदस्थापित थे, तो लगा कि यह मेरी जन्मभूमि है. अगर इस जन्मभूमि के लिए काम नहीं कर पाया, तो जीवन बेकार है. पारिवारिक इतिहास के कारण भी उनकी इच्छा कहीं न कहीं राजनीति से जुड़ कर काम करने की रही. जब झारखंड से फिर से पंजाब गया, तो वहां मन नहीं लगा. इच्छा होने लगी कि झारखंड की सेवा करें. इसके लिए राजनीति बेहतर है. इसके बाद यह फैसला लिया.