जमशेदपुर. इनकम डिस्क्लाेजर स्कीम (आइडीएस) के तहत आयकर विभाग ने शहर के 10 हजार वैसे उद्याेगपति, उद्यमी आैर व्यवसायियाें काे नाेटिस जारी किया है, जिनके पास काला धन हाेने के पुख्ता सबूत हैं. इसके अलावा 100 से अधिक ऐसे लाेगाें काे लिस्ट तैयार की है, जिन्हाेंने बड़े-बड़े लेन-देन के बाद भी अपने रिटर्न में विभाग […]
जमशेदपुर. इनकम डिस्क्लाेजर स्कीम (आइडीएस) के तहत आयकर विभाग ने शहर के 10 हजार वैसे उद्याेगपति, उद्यमी आैर व्यवसायियाें काे नाेटिस जारी किया है, जिनके पास काला धन हाेने के पुख्ता सबूत हैं.
इसके अलावा 100 से अधिक ऐसे लाेगाें काे लिस्ट तैयार की है, जिन्हाेंने बड़े-बड़े लेन-देन के बाद भी अपने रिटर्न में विभाग काे अभी तक जानकारी प्रदान नहीं की है. 10 हजार से अभी अधिक नाेटिस भेजे जाने के बाद आयकर विभाग काे उम्मीद थी कि उन्हें इस दिशा में बेहतर परिणाम मिलेगा, लेकिन टर्नअप हाेनेवालाें की संख्या में कमी हाेने के कारण 30 सितंबर से पहले सर्वे के नाम पर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. तीन दिनाें में आयकर विभाग ने शहर के दाे व्यवसायियाें के यहां सर्वे अभियान चलाकर यह साफ कर दिया कि कार्रवाई जारी रहेगी. आइडीएस का लाभ लेने वालाें काे 30 सितंबर तक की समय समय सीमा केंद्र सरकार ने प्रदान कर रखी है. उसी के तहत आयकर विभाग अपनी तैयारी में जुटा है.
समय सीमा के खत्म हाेने के बाद विभाग ने छापेमारी करने के लिए टीमाें का गठन करने संबंधी याेजना भी तैयार करनी शुरू कर दी है. आयकर अधिकारी के अनुसार नाेटिस मिलने के बाद कुछ लाेग जरुर आये, जिन्हाेंने अपने धन का खुलासा किया, लेकिन विभाग काे जितनी उम्मीद थी, उससे काफी कम लाेगाें ने इसमें आकर अपनी घाेषणा की. झारखंड में जमशेदपुर अभी भी टॉप पर है.
आयकर विभाग ने पिछले दिनाें सिंहभूम चैंबर अॉफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष नंद किशाेर अग्रवाल के बिष्टुपुर आैर साेनारी स्थित व्यापारिक स्थल पर सर्वे के नाम पर अभियान चलाया. इसके बाद वहां एक कराेड़ से अधिक के काराेबार के कागजात मिले, जिनके बारे में नंद किशाेर नहीं बता पाये. साेमवार काे जुगसलाई में ठेकेदार लड्डू मंगाेतिया के ठिकानाें पर सर्वे किया गया. जिसमें तीन कराेड़ से अधिक के काराेबार के कागाजत मिले, जिसके बारे में विभाग काे काेई जानकारी नहीं दी गयी थी. विभाग काे लड्डू मंगाेतिया के यहां से कई तरह के काराेबार किये जाने की जानकारी मिली है. विभागीय अधिकारियाें ने बताया कि उक्त दाेनाें व्यवसायियाें ने सीआइटी के समक्ष आइडीएस संबंधी घाेषणा करने का वायदा किया है.