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काम से बैठाये गये हड़ताली कर्मी

जमशेदपुर : टीएसपीडीएल (टाटा स्टील प्रोसेसिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड) के जमशेदपुर प्लांट में ठेका कर्मियों को स्थायीकरण और वेतन बढ़ोतरी की मांग लेकर एक दिवसीय हड़ताल महंगी पड़ी. शुक्रवार की सुबह ए शिफ्ट में काम पर पहुंचे कर्मचारियों को जीआरएम मशीन शट-टाउन होने की बात कह चले जाने को कहा. विरोध में सभी ठेका कर्मी […]

जमशेदपुर : टीएसपीडीएल (टाटा स्टील प्रोसेसिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड) के जमशेदपुर प्लांट में ठेका कर्मियों को स्थायीकरण और वेतन बढ़ोतरी की मांग लेकर एक दिवसीय हड़ताल महंगी पड़ी. शुक्रवार की सुबह ए शिफ्ट में काम पर पहुंचे कर्मचारियों को जीआरएम मशीन शट-टाउन होने की बात कह चले जाने को कहा.

विरोध में सभी ठेका कर्मी कार्य छोड़ कंपनी गेट के आगे धरने पर बैठ गये. ठेका कर्मियों ने आज भी तीनों शिफ्ट में कार्य नहीं किया, न ही दूसरे कर्मचारियों को कंपनी में प्रवेश करने दिया. ठेका कर्मियों के अचानक कार्य बहिष्कार किये जाने से उनके स्थान पर स्थायी कर्मियों से ओवर टाइम कराया जा रहा है. दिन भर कर्मचारी गेट पर ही धरने पर बैठे रहे. इस संबंध में कंपनी प्रबंधन का पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.

वादाखिलाफी का आरोप. कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. कर्मचारियों ने कहा कि गुरुवार की रात कंपनी परिसर में एचआर विभाग के शेखर झा, मैनेजर कृष्णा कुमार, निशांत मिश्रा, अधिराज सेन, रधु राव ने कर्मचारियों के साथ वार्ता कर वेतन बढ़ोतरी कर सुबह नोटिस बोर्ड में इसकी सूचना देने और बोनस के बाद कर्मचारियों को स्थायीकरण किये जाने का आश्वासन दिया था. सुबह में कर्मचारियों को मशीन ब्रेक डाउन का बहाना कर कार्य से बैठा दिया. कर्मचारियों ने कहा कि कंपनी के दूसरे प्लांट से कर्मचारियों को अगर लाया गया तो वे उसका पूरजोर विरोध करेंगे.
क्या है पूरा मामला
स्थायी नियोजन की मांग को लेकर गुरुवार को हड़ताली कर्मचारी तीनों शिफ्ट में हड़ताल पर थे और किसी भी कर्मचारी को कंपनी में प्रवेश करने नहीं दिया था. कर्मचारियों के समर्थन में गार्डनकर्मियों और सफाईकर्मियों ने भी कार्य का बहिष्कार का समर्थन् किया. कंपनी में स्थायीकरण के लिए साल अक्तूबर 2012 में 150 ठेका श्रमिकों ने लिखित परीक्षा दी थी. दो साल बाद इन कर्मचारियों का इंटरव्यू लिया गया. बाद में सिर्फ 26 कर्मचारियों का कंपनी में स्थायीकरण हुआ. शेष 124 ठेकाकर्मी के स्थायीकरण पर आज तक कोई फैसला कंपनी प्रबंधन ने नहीं लिया. कर्मचारियों का आरोप है कि स्थायीकरण के संबंध में प्रबंधन से बात किये जाने पर जरूरत होने पर बहाल किये जाने की बात कहते हैं. कर्मचारियों को मात्र 287 रुपये में मशीन और क्रेन या दोनों कार्य कराये जाते हैं.

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