छात्रों की उपस्थिति भी संतोषजनक दिखी. इसके अलावा साफ-सफाई का भी स्तर बेहतर था. प्रबंधन समिति से बातचीत में भी वे संतुष्टि नजर आये. लेकिन डिमना मध्य विद्यालय में पाया गया कि बच्चों के बीच गैप बहुत है. कुछ विद्यार्थी बेहतर हैं तो कुछ विद्यार्थियों का हाल बेहाल है. वे क्लास दर क्लास आगे बढ़ गये हैं, लेकिन उन्हें निचले क्लास की जानकारियां भी नहीं. इस पर उन्होंने नाराजगी जतायी अौर कहा कि इस गैप को भरने की दिशा में डीएसइ अौर शिक्षक मिल कर काम करें. इसके बाद उन्होंने सर्किट हाउस में रिटायर्ड शिक्षकों के अलावा बीइइअो के साथ बैठक की.
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शिक्षक होंगे प्रोमोट, बनेंगे हेडमास्टर
जमशेदपुर : कई स्कूलों में हेडमास्टर के पद खाली हैं. सरकार के स्तर से हेडमास्टर की बहाली हो नहीं रही है, इसके लिए यह सुनििश्चत किया गया है कि ऐसे सीनियर शिक्षक जो हेडमास्टर की योग्यता रखते हैं, उन्हें प्रोमोट कर हेडमास्टर बनाया जायेगा. इस दिशा में आने वाले दिनों में कदम उठाया जायेगा. ये […]
जमशेदपुर : कई स्कूलों में हेडमास्टर के पद खाली हैं. सरकार के स्तर से हेडमास्टर की बहाली हो नहीं रही है, इसके लिए यह सुनििश्चत किया गया है कि ऐसे सीनियर शिक्षक जो हेडमास्टर की योग्यता रखते हैं, उन्हें प्रोमोट कर हेडमास्टर बनाया जायेगा. इस दिशा में आने वाले दिनों में कदम उठाया जायेगा. ये बातें प्राथमिक शिक्षा निदेशक कृपानंद झा ने जमशेदपुर में कही.
डायट व कई स्कूलों को किया निरीक्षण. प्राथमिक शिक्षा निदेशक कृपानंद झा बुधवार की रात शहर पहुंचे. शहर पहुंचने के बाद गुरुवार की सुबह उन्होंने गम्हरिया स्थित डायट का दौरा किया. इसके बाद वे एडीएल सोसाइटी मध्य विद्यालय, करीमिया म. वि. अौर डिमना म. वि. पहुंचे. सभी जगह उन्होंने छात्रों की उपस्थिति के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को करीब से देखा. इस दौरान पाया गया कि सरकार से अनुदान पाने वाले सरकारी स्कूलों का बेहतर संचालन किया जा रहा है.
कम छात्र वाले स्कूल होंगे मर्ज. स्कूलों के दौरे के क्रम में पाया गया कि कुछ स्कूल में बच्चों की उपस्थिति व संख्या कम है, इस तरह के स्कूलों को नजदीक के किसी स्कूल में मर्ज करने को कहा गया है. पहले चरण में जिले में करीब 45 स्कूलों को किया गया है, दूसरे चरण के लिए मैपिंग की जा रही है.
रिटायर्ड शिक्षकों से ली सलाह. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सर्किट हाउस में जिले के 5 रिटायर्ड शिक्षकों से अकेले में बातचीत की. इस दौरान उन्होंने रिटायर्ड शिक्षकों को कहा कि आपने अपना पूरा जीवन सरकारी स्कूल में बिताया है, इसलिए आपने पठन-पाठन के दौरान कई अनुभव हासिल किया होगा. इस अनुभव को विभाग के साथ समय-समय पर शेयर करें, ताकि आपके अनुभवों का सकारात्मक दिशा में इस्तेमाल विभाग कर सके.
मिड डे मील बंद होने पर भड़के निदेशक
शिक्षा निदेशक ने प्रभात खबर में छपी खबर पर कहा कि राज्य सरकार के पास मिड डे मील के लिए फंड की कोई कमी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद चाकुलिया में बच्चों का मिड डे मील बंद रहना गंभीर मसला है. उन्होंने मिड डे मील बंद रहने के कारण के बारे में डीएसइ से पूछा तो उन्होंने इसका कारण बताया. साथ ही श्री झा ने आदेश दिया कि किसी भी परिस्थिति में यह बंद नहीं है, क्योंकि इसका सीधा असर बच्चों की उपस्थिति पर पड़ता है.
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