जमशेदपुर: केबुल कंपनी के अधिग्रहण करने से पेगासस कंपनी पीछे हट गयी है. केबुल कंपनी के अधिग्रहण के लिए टाटा स्टील के अलावा आरआर केबुल और पेगासस कंपनी भी आगे आयी थी. इन लोगों ने अपनी सिक्यूरिटी मनी भी जमा करायी थी.
लेकिन बाद में ऑपरेटिंग एजेंट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने टाटा स्टील के पक्ष में ही फैसला सुनाया और टाटा स्टील की डीआरएस स्कीम को सबसे वाजिब और मजदूर हित के साथ-साथ कंपनी हितकर बताया. इसके बाद से यह मामला बायफर में चल रहा है. दिल्ली हाईकोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई हो चुकी है और हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है. इसके फैसले का इंतजार किया जा रहा है.
पेगासस ने बायफर में अपना आवेदन देकर अपना सिक्यूरिटी मनी 25 करोड़ रुपये को तत्काल लौटाने की मांग की है. पेगासस कंपनी ने अपने बिड को ही वापस लेने का आवेदन दे दिया है. इसके बाद बायफर ने इस मामले को लेकर 26 फरवरी को सुनवाई की तिथि सुनिश्चित की है. 26 फरवरी को फैसला आयेगा कि पेगासस कंपनी का पैसा लौटेगा या नहीं. दूसरी ओर, बायफर में सौंपी गयी डिटेल्ड रिहेबिलिटेशन स्कीम (डीआरएस) पर 27 फरवरी को फैसला हो सकता है. इसकी सुनवाई की तिथि मुकर्रर की गयी है.