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इंस्पेक्टर ने तैयार किये दो दर्जन कलक्टर
संजीव भारद्वाज जमशेदपुर : प रसुडीह मकदमपुर निवासी एम राजीव ने सरकारी सेवा (सेंट्रल एक्साइज इंस्पेक्टर) में रहते हुए न सिर्फ शिक्षा का अलख जगा रहे हैं बल्कि सैकड़ों युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग भी दे रहे हैं. इनके मार्गदर्शन में अब तक दो दर्जन से अधिक युवा सिविल सेवा जैसी चुनौतीपूर्ण […]
संजीव भारद्वाज
जमशेदपुर : प रसुडीह मकदमपुर निवासी एम राजीव ने सरकारी सेवा (सेंट्रल एक्साइज इंस्पेक्टर) में रहते हुए न सिर्फ शिक्षा का अलख जगा रहे हैं बल्कि सैकड़ों युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग भी दे रहे हैं. इनके मार्गदर्शन में अब तक दो दर्जन से अधिक युवा सिविल सेवा जैसी चुनौतीपूर्ण परीक्षा पास कर देश के विभिन्न जिलों और शहरों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. दो दर्जन डिप्टी कलक्टर, डीएसपी, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, दाराेगा, पटवारी जैसे पदों पर कार्यरत हैं.
राजीव इन दिनाें छत्तीसगढ़ के रायपुर में सेंट्रल एक्साइज इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थापित हैं. सरकारी सेवा में रहते हुए मुफ्त कोचिंग के जरिये सैकड़ों युवाओं को अागे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. एसइ रेलवे हाई स्कूल बागबेड़ा से मैट्रिक की परीक्षा पास करनेवाले राजीव के मार्गदर्शन में सफल युवा जो अधिकारी बन चुके हैं और कहीं न कहीं पोस्टेड हैं, भी राजीव से प्रेरणा लेकर इनके काेचिंग संस्थान नि:शुल्क में पढ़ाने आते हैं.
राजीव ने बताया कि सरकारी नाैकरियाें में स्थानीय लाेगाें की भागीदारी नगण्य है. उन्हाेंने गहराई में जाकर इसकी छानबीन की, ताे पता चला कि युवाओं में क्षमता तो है, लेकिन मार्गदर्शन के अभाव में वे नाैकरियां हासिल नहीं कर पाते. उन्हाेंने तय किया कि आगे बढ़ने को इच्छुक ऐसे युवाआें काे वे मुफ्त काेचिंग देंगे. इसकी शुरुआत स्वामी विवेकानंदजी की जयंती (12 जनवरी) पर अपने घर से मात्र चार विद्यार्थियाें से की. तब इस काम में उनकी पत्नी भी सहयोग करतीं थीं. ड्यूटी से लाैटने के बाद देर रात तक विद्यार्थियों की प्रतियाेगी परीक्षा की तैयारी कराते. परीक्षा का पैटर्न युवाओं को समझ आने लगी. धीरे-धीरे छात्र भी जुड़ने लगे. छात्रों की संख्या बढ़ी, तो जगह कम पड़ने लगी.
अपने छाेटे से सरकारी मकान में उन्होंने एक कमरा छात्राें के लिए रिजर्व कर दिया. आज राजीव की काेचिंग से 150 से अधिक युवा सफल होकर विभन्न पदों पर कार्यरत हैं. कोचिंग की लोकप्रियता बढ़ी, तो स्थानीय कालीबाड़ी बंगाली समाज ने उनसे संपर्क कर मंदिर परिसर में बने स्कूल का एक कमरा मुफ्त में उपलब्ध करा दिया. अब इस कमरे में वे राेजाना शाम छह से 10 बजे तक छात्राें काे नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं. वे विद्यार्थियों को सरकारी नाैकरियाें के लिए निकलनेवाली बहाली की जानकारी, फाॅर्म आदि उपलब्ध कराते हैं. फॉर्म भरने का तरीका बताने के साथ-साथ आर्थिक मदद भी करते हैं. काेचिंग सेंटर में हर दिन पढ़ाई हाेती है
वह ‘युवा संस्था’ के माध्यम से वे नशामुक्ति अभियान को भी आगे बढ़ा रहे हैं. विभिन्न स्कूल-कॉलेज व संस्थाआें में जाकर लाेगाें से नशा से दूर रहने की अपील करते हैं. पाैधराेपण, रक्तदान शिविर के अलावा सफाई अभियान भी इनकी देखरेख में संचालित होता है.
उनके साथ युवाआें की एक बड़ी टाेली बन गयी है, जाे ऐसे कार्यों में हाथ बंटाती है. फेंकी हुई रद्दी चीजों को सहेज कर उन्हाेंने अपनी लाइब्रेरी बना ली है, जिसमें शैक्षणिक किताबाें के साथ-साथ गीता, कुरान, बाइबल, सिख इतिहास के ग्रंथाें काे भी सहेज कर रखे हैं.
मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके कारण मैंने काफी कुछ खाेया. मेरा मानना है कि यदि एक पीढ़ी चूकती है ताे दूसरी उसे संभालती है. मैंने इसी मूलमंत्र काे आत्मसात किया. मैंने बच्चाें काे प्रशिक्षित कर आगे बढ़ाने का संकल्प लिया. इस काेचिंग से कई युवा निकले हैं, जाे बड़े पदाें पर हैं. अगर युवा प्रतियाेगी परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं तो नि:संकाेच हमसे जुड़ सकते हैं.
एम राजीव
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