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गांवों में घूमकर चापाकलों की मरम्मत करेगी मोबाइल टीम
जमशेदपुर : इस बार गरमी में पूर्वी सिंहभूम में जल संकट न हो, इसके लिए अभी से तीन माह तक विभाग की मोबाइल टीम गांव-गांव में जाकर चापाकल की जांच करेगी. वहीं खराब चापाकल की मरम्मत करेगी. अबतक लोगों की शिकायत पर खराब चापाकल दुरुस्त किये जाते थे. जिले में 21 हजार चापाकल, करीब तीन […]
जमशेदपुर : इस बार गरमी में पूर्वी सिंहभूम में जल संकट न हो, इसके लिए अभी से तीन माह तक विभाग की मोबाइल टीम गांव-गांव में जाकर चापाकल की जांच करेगी. वहीं खराब चापाकल की मरम्मत करेगी. अबतक लोगों की शिकायत पर खराब चापाकल दुरुस्त किये जाते थे.
जिले में 21 हजार चापाकल, करीब तीन हजार बंद : पूर्वी सिंहभूम के 1800 गांवों में 21 हजार चापाकल हैं. जनवरी 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक 2911 चापाकल बंद या डेड घोषित है.
कंट्रोल रूम खुलेगा, शिकायत के 72 घंटे में मरम्मत : गरमी से पूर्व खराब चापाकलों की सूचना केलिए प्रखंड स्तर व जिला स्तर पर कंट्रोल रूम खोला जायेगा. यहां शिकायत मिलने के 72 घंटें में चापाकल दुरुस्त किये जायेंगे.
बिजली विभाग से समन्वय बनेगा : शहरी अौर ग्रामीण जलापूर्ति बिजली के कारण बाधित न हो, इसके लिए पेयजल व स्वच्छता विभाग के पदाधिकारी प्रखंड के साथ अनुमंडल व जिला स्तर पर नियमित समन्वय बनाकर रखेंगे.
सभी जलापूर्ति की डेली मॉनिटरिंग होगी
मानगो, मोहरदा, जुगसलाई, बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति सहित घोड़ाबांधा, बहरागोड़ा, चाकुलिया, घाटशिला, धालभूमगढ़, मुसाबनी, डुमरिया, गुड़ाबांधा, पोटका, पटमदा, बोड़ाम में छोटी-बड़ी सभी (31 जलापूर्ति) की डेली मॉनटरिंग की जायेगी. इसके लिए प्रखंड, अनुमंडल अौर जिला स्तर पर कंट्रोल रूम खोले जायेंगे. जलापूर्ति प्रभावित होने पर वैकल्पिक इंतजाम किया जायेगा.
”जिले में जल संकट से निपटने के लिए विभाग की मोबाइल टीम गठित की गयी है. टीम गांवों में जाकर खराब चापाकल दुरुस्त करेगी. इसके लिए सरकार से 32 लाख रुपये का फंड मिला है. शहरी अौर ग्रामीण इलाकों में जलापूर्ति की मॉनिटरिंग की जायेगी. – राजेंद्र प्रसाद, अधीक्षण अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जमशेदपुर.
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