जमशेदपुर: अवैध उत्खनन पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने कड़ा कानून बनाया है. वहीं इसका अनुपालन करने के लिए उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को जिम्मेवार बनाया गया है. इसके तहत जिले के खनन पदाधिकारी उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और वन प्रमंडल पदाधिकारी को 10 दिनों में सभी खनिज विक्रेताओं और खनन पट्टा धारकों की सूची सौंपने को कहा गया है.
इसके अलावा केंद्रीय अर्ध सैनिक बल और जिला बल के सहयोग से अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण स्थल पर लगातार छापामारी करने को कहा गया है. संबंधित विभाग के अधिकृत पदाधिकारी अपने-अपने विभाग के प्रभारी नियमों के प्रावधानों के अनुरुप विधि सम्मत कार्रवाई कर इसकी रिपोर्ट सरकार को समर्पित करने को कहा गया है.
जिला खनन पदाधिकारी को कहा गया है कि वे ऊर्जा विभाग से ऐसे क्रशर स्थलों को चिन्हित कर कार्रवाई का अनुरोध करें, जिनके पास खनिज भंडारण लाइसेंस या खनन पट्टा स्वीकृत नहीं है. इससे बिजली का कनेक्शन काटा जा सके. खनिज आधारित व्यवसाय और उद्योगों की स्थापना के लिए एनओसी होने के बिना अनुमोदित नहीं किये जाये. सभी उपनिदेशक को पांच दिनों में अपने क्षेत्र में औचक निरीक्षण करने को कहा गया है. यह प्रावधान तय कर दिया गया है कि अगर कोई लीजधारी अवैध उत्खनन करता है, तो उसकी कंपनी को ब्लैकलिस्टेड किया जायेगा.