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धर्मान्ध नहीं, धार्मिक बनें

धर्मान्ध नहीं, धार्मिक बनें फ्लैग::: भागवत कथा में बोले सत्यार्थ प्रकाश लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर प्राकृतिक धर्म के तत्वावधान में बारीडीह में चल रहे प्रवचन में मंगलवार को धर्म प्रचारक सत्यार्थ प्रकाश ने उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि आज ईश्वर के नाम पर समाज का शोषण एवं मानवता पर कुठाराघात हो रहा है. मानव पीड़ित […]

धर्मान्ध नहीं, धार्मिक बनें फ्लैग::: भागवत कथा में बोले सत्यार्थ प्रकाश लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर प्राकृतिक धर्म के तत्वावधान में बारीडीह में चल रहे प्रवचन में मंगलवार को धर्म प्रचारक सत्यार्थ प्रकाश ने उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि आज ईश्वर के नाम पर समाज का शोषण एवं मानवता पर कुठाराघात हो रहा है. मानव पीड़ित एवं मानवता बीमार है. उन्होंने कहा कि मनुष्य को ईश्वर तुल्य बन कर धरती को स्वर्ग बनाने का प्रयास करना चाहिए. देवता अपनी सुविधा, साधन, संपदा एवं ज्ञान वैभव अपने भक्तों में बांटते हैं, हमें भी अपने साधन वैभव से लोगों की मुसीबतों को दूर करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए. उन्होंने लोगों को दाता बनने तथा धर्म के साथ धन अर्जित करने की सीख दी. धर्म का मर्म समझाते हुए कहा कि धर्मान्ध नहीं धार्मिक बनें. आज धार्मिक शिक्षा नहीं मानवीय शिक्षा की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि धर्म आचरण का विषय है, प्रदर्शन का नहीं. ईश्वर एवं प्रकृति निर्मित धर्म पर चलें, प्रकृति से पेड पौधे सूर्य नदी जीवों आदि से जीना सीखें, स्वधर्म का पालन करना सीखें. जीयें तो ऐसे कि आपकी जिंदगी लोगों को नव जीवन दे सके. उन्होंने लोगों को भूत की चिंता नहीं भविष्य का चिंतन कर उसे संवारने के लिए प्रेरित करने के लिए वर्तमान में कार्य करने की सीख दी. उन्होंने कहा कि जागृत दीप परमात्मा की आरती बनने का सौभाग्य प्राप्त करता है. बुझे दीपक से भगवान की आरती-पूजा नहीं होती. एक जागृत जीवन दीप ही परमात्मा की निकटता प्राप्त कर सकता है.

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