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आइटीसी के नाम पर सरकार को प्त 5339.87 का चूना

आइटीसी के नाम पर सरकार को ~ 5339.87 का चूना – सेल्स टैक्स विभाग के हेडक्वार्टर की जांच में हुआ खुलासा- सचिव ने आइटीसी लेने वाली कंपनियों से जुर्माना वसूलने के दिये निर्देश- 3348.53 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्यजांच में गड़बड़ी मिली व पेनाल्टी की राशि तय प्रमंडल-आइटीसी ज्यादा की वसूली-पेनाल्टी की राशिरांची-1673.80-1673.80जमशेदपुर-927.29-16.39धनबाद-1712.71-1292.71हजारीबाग-875.71-341.91संताल परगना-149.56-23.72कुल-5339.07-3348.53वरीय संवाददाता, […]

आइटीसी के नाम पर सरकार को ~ 5339.87 का चूना – सेल्स टैक्स विभाग के हेडक्वार्टर की जांच में हुआ खुलासा- सचिव ने आइटीसी लेने वाली कंपनियों से जुर्माना वसूलने के दिये निर्देश- 3348.53 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्यजांच में गड़बड़ी मिली व पेनाल्टी की राशि तय प्रमंडल-आइटीसी ज्यादा की वसूली-पेनाल्टी की राशिरांची-1673.80-1673.80जमशेदपुर-927.29-16.39धनबाद-1712.71-1292.71हजारीबाग-875.71-341.91संताल परगना-149.56-23.72कुल-5339.07-3348.53वरीय संवाददाता, जमशेदपुर राज्य में आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के नाम कई कंपनियों व टैक्सदाताओं ने सरकार से करोड़ों रुपये का भुगतान करा लिया. सेल्स टैक्स विभाग के हेडक्वार्टर की जांच में उक्त मामला सामने आया है. इसके आधार पर सभी पर पेनाल्टी लगायी गयी है. इस पेनाल्टी की वसूली के लिए क्या किया जा रहा है, इसकी प्रगति रिपोर्ट राज्य सरकार ने तलब की है. इसे लेकर राज्य की सचिव सह आयुक्त (सेल्स टैक्स) निधि खरे ने सभी प्रमंडलीय संयुक्त आयुक्त को एक पत्र भेजा है, ताकि इसकी वसूली सुनिश्चित की जा सके. क्या है पूरा मामला वैट कानून के तहत वर्ष 2006 से अब तक का आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) सरकार के पास कई कंपनियों व टैक्सदाताओं का बकाया है. वैट के प्रावधान के तहत कंपनी ने कच्चा माल खरीदने के वक्त जो टैक्स दिया था, उससे तैयार माल पर बने टैक्स घटाने के बाद कंपनियों का ही पैसा निकल गया. उदाहरण स्वरूप किसी कंपनी ने दो रुपये का कच्चा माल दूसरी कंपनियों से खरीदी. उस वक्त अन्य कंपनियों ने सौ रुपये टैक्स का भुगतान किया. इसके बाद उसी कच्चा माल से टैक्स देने वाली कंपनी ने अपने प्लांट में गाड़ी तैयार कर बेचा, तो उस पर भी टैक्स का भुगतान किया. इस पर 50 रुपये कंपनी ने टैक्स दिया. वैट के प्रावधान के तहत किसी को एक ही प्वाइंट पर टैक्स देना होता है, जो कच्चा माल पर लगे टैक्स से तैयार हुए माल पर लगे टैक्स को घटाना पड़ता है. ऐसे में 100 रुपये के टैक्स को 50 रुपये से घटाया गया तो 50 रुपये सरकार की ही देनदारी निकल गयी. इसकी जब जांच की गयी, तो उसमें कई सारी त्रुटियां पायी गयी. आइटीसी के नाम पर विभिन्न कंपनियों ने सरकार से ही पैसे ले लिये.

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