मांडवा व महाल के समर्थकों के बीच झड़प एक घंटे तक करनडीह चौक बना रणक्षेत्र, पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया (फ्लैग)माझी परगना महाल के फैसले के विरोध में आयोजित थी मांडवा का जनसभाफोटो कैप्शन डीएस 1- मंच को संबोधित करते सोनाराम सोरेनडीएस 2- जनसभा में विभिन्न राज्यों से आये प्रतिनिधिडीएस 3 व 4- जनसभा का विरोध करने आये युवक को पकडकर बाहर ले जाती पुलिस व लोगडीएस 5-जनसभा का विरोध करने आये युवकों का विरोध करती युवतियां डीएस 6,7,8,9,10- लोगों को खदेड़ती पुलिस, लाठी भांजीडीएस-11- माझी परगना महाल का विरोध करने पर विरोध प्रदर्शन करते समाज के लोग संवाददाता, जमशेदपुर रविवार की दोपहर करनडीह चौक पर अखिल भारतीय माझी परगना मांडवा व माझी परगना महाल के समर्थकों के झड़प हो गयी़ करीब एक घंटे के लिए करनडीह चौक रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ और हो-हंगामा कर रहे युवकों को पुलिस ने वहां से खदेड़ा.क्या है मामला माझी परगना महाल ने 6 दिसंबर को पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू के सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की थी. इस फैसले के विरोध में करनडीह में अखिल भारतीय माझी परगना मांडवा ने रविवार को एक सभा आयोजित की थी. इसमें झारखंड, बंगाल, ओड़िशा समेत अन्य राज्यों के प्रतिनिधि पहुंचे थे़ सभा समाप्ति की ओर थी तभी महाल के कुछ समर्थक मांडवा के कार्यक्रम का विरोध करने लगे़ देखते-देखते दोनों गुट के समर्थक आपस में भीड गये़ हाथापाई होने लगी. माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने हस्तक्षेप किया और लोगों को हल्का बल प्रयोग कर वहां से खदेड़ा. मांडवा की सभा में मंच पर कविराज मुर्मू, सोनाराम सोेरेन, काडुराम मुर्मू, धनेश्वर हांसदा, बिरसा मुर्मू, हराधन, पानमुनी बेसरा, जोबारानी बास्के, बैजनाथ हांसदा समेत अन्य मौजूद थे़ सामाजिक बहिष्कार वापस ले महाल अखिल भारतीय माझी परगना मांडवा का कहना है कि माझी परगना महाल सालखन मुर्मू के सामाजिक बहिष्कार की घोषणा को वापस ले, अन्यथा राष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया जायेगा़ मांडवा ने सभा में दो प्रस्ताव पारित किया़ इसमें सालखन मुर्मू के सामाजिक बहिष्कार को वापस लेने और माझी परगना महाल को अपने फैसले पर पुनर्विचार कर फैसले को खारिज करने की मांग प्रमुख है.परसुडीह थाना में की शिकायत करनडीह गांव के पारंपरिक ग्रामप्रधान(माझी बाबा) सलखू माझी ने पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के खिलाफ परसुडीह थाना में लिखित शिकायत की है़ उनका कहना है कि सालखन मुर्मू पारंपरिक व्यवस्था-माझी परगना व्यवस्था की अवमानना कर रहे है़ं माझी बाबा व परगना के खिलाफ अनर्गल बयान दे रहे है़ं इसलिए सालखन मुर्मू पर कानूनी कार्रवाई की जाये़ परसुडीह थाने में ग्रामसभा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में आदिवासी संताल समुदाय लोग पहुंचे थे़ कोट‘माझी परगना महाल की ओर से सभा में आकर हंगामा करना गलत है. हर किसी को अपना विचार व्यक्त करने की आजादी है़ पूर्व सांसद सालखन मुर्मू का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला एकतरफा, अन्यायपूर्ण व अलोकतांत्रिक है़ अखिल भारतीय माझी परगना मांडवा पर जोर जबरदस्ती नहीं चलेगी़ -कविराज मुर्मू, केंद्रीय अध्यक्ष- अखिल भारतीय माझी परगना मांडवामाझी परगना महाल आदिवासी संताल समुदाय की सामाजिक स्वशासन व्यवस्था है़ यदि कोई इस व्यवस्था का विरोध कर रहा है़, इसका मतलब है वह सामाजिक व्यवस्था की अवहेलना कर रहा है़ सालखन मुर्मू को समाज से बहिष्कृत करने का समाज का फैसला है़ यदि सालखन मुर्मू फैसले से आहत हैं तो समाज के बीच अपनी बात रखें. समाज ही आगे फैसला सुनायेगा़ – दशमत हांसदा- जुगसलाई तोरोफ परगना\\\\B
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मांडवा व महाल के समर्थकों के बीच झड़प
मांडवा व महाल के समर्थकों के बीच झड़प एक घंटे तक करनडीह चौक बना रणक्षेत्र, पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया (फ्लैग)माझी परगना महाल के फैसले के विरोध में आयोजित थी मांडवा का जनसभाफोटो कैप्शन डीएस 1- मंच को संबोधित करते सोनाराम सोरेनडीएस 2- जनसभा में विभिन्न राज्यों से आये प्रतिनिधिडीएस 3 व 4- […]
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