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ऑप्टोमेट्री में अपार संभावनाएं

ऑप्टोमेट्री में अपार संभावनाएं ऑप्टोमेट्री के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. इसमें बैचलर डिग्री लेने के बाद कैरियर के रास्ते खुल जाते हैं. बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री एंड विजन साइंस साढ़े चार साल का कोर्स होता है. इसमें इंटर्नशिप भी शामिल है. किसी-किसी विश्वविद्यालय में बैचलर डिग्री चार साल में ही मिल जाती है. इसके लिए […]

ऑप्टोमेट्री में अपार संभावनाएं ऑप्टोमेट्री के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. इसमें बैचलर डिग्री लेने के बाद कैरियर के रास्ते खुल जाते हैं. बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री एंड विजन साइंस साढ़े चार साल का कोर्स होता है. इसमें इंटर्नशिप भी शामिल है. किसी-किसी विश्वविद्यालय में बैचलर डिग्री चार साल में ही मिल जाती है. इसके लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित होती है. प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम योग्यता बायोलॉजी के साथ 12वीं पास है. आप ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्टोमेट्रिकल साइंसेस से बैचलर डिग्री कर सकते हैं. यह ऑटोनोमस बॉडी है. यहां साढ़े चार साल में बैचलर डिग्री पूरी होती है. बिट्स पिलानी, एलिट स्कूल ऑफ ऑप्टोमेट्री, बॉश एंड लंब स्कूल ऑफ ऑप्टोमेट्री जैसे संस्थान से भी बैचलर डिग्री ली जा सकती है. बिट्स पिलानी प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है. बैचलर डिग्री पूरी करने के बाद अलग-अलग फील्ड में फेलोशिप कर सकते हैं. यह कोर्स अरविंद आई हॉस्पिटल मदुरइ, शंकर नेत्रालय चेन्नई आदि से किया जा सकता है. बैचलर के बाद ही ऑप्टिकल फील्ड व हॉस्पिटल या एकेडमिक फील्ड के रास्ते खुल जाते हैं. आप रुचि के मुताबिक फील्ड में आगे बढ़ सकते हैं. आगे पढ़ायी जारी रखनी है तो आप मास्टर (एम ऑपटॉम), एमफिल, पीएचडी कर सकते हैं. रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं.-श्यामली गांधी, जमशेदपुर आइ हॉस्पिटल

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