सामाजिक सौहार्द्र का पर्व छठ ::: असंपादितछठ पर्व को पवित्र और प्रकृति के काफी करीब माना जाता है. इसमें समाज के सभी वर्गों व समुदाय के लोगों की भागीदारी रहती है. पर्व में कई चीजें उपयोग में लायी जाती हैं. इन्हें अलग-अलग समुदाय के लोग तैयार करते हैं. तो आइये जानते हैं कि किस तरह से समाज के सभी वर्गों की भागीदारी से यह पर्व सम्पन्न होता है. पढ़िये लाइफ @ जमशेदपुर की यह रिपोर्ट… ————–कालिंदी समाज से आता है पूजा का सूप इस पर्व में सूप पर प्रसाद चढ़ाया जाता है. सूप उठाकर व्रती सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं. एक-एक व्रती चार-पांच सूप तक चढ़ाती हैं. इसलिए इस त्योहार में सूप का विशेष महत्व होता है. सूप कालिंदी समाज के लोग तैयार करते हैं. भुइयांडीह स्थित कालिंदी समाज की आभा देवी बताती हैं छठ में सूप की विशेष तैयारी करनी होती है. महीना दिन पहले से काम शुरू हो जाता है. विमला देवी के मुताबिक सूप सुखाने और बनाने की जगह साफ-सुथरा रखी जाती है. कुम्हारों का भी बड़ा योगदान छठ पर्व में कई तरह के मिट्टी के बर्तन उपयोग में लाये जाते हैं. काशीडीह कुम्हारपाड़ा के अशोक प्रजापति बताते हैं कि पर्व में मिट्टी के हाथी, कोसी (कलश में दीया), दीया, ढक्कन, हंडी, प्याली आदि उपयोग में लाये जाते हैं. हाथी, कोसी, दीया आदि पूजा के काम आता है. वहीं, मिट्टी की हंडी में व्रती खीर बनाती हैं और प्याली में भोग ग्रहण करती हैं. कुम्हारपाड़ा के ही लालू प्रजापति के मुताबिक आजकल पेंटवाले बर्तन की मांग अधिक रहती है. अशोक बताते हैं कि छठ के लिए बर्तन तैयार करने में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. शादाब की दुकान से व्रती ले जाती हैं नारियल सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए सूप में अन्य फलों के साथ-साथ नारियल का होना भी जरूरी है. साकची में शादाब खान 10 वर्षों से नारियल का व्यवसाय कर रहे हैं. उनकी दुकान से हर साल छठ व्रती नारियल ले जाती हैं. वह बताते हैं कि हर तीज-त्योहार सभी को मिलजुल कर मनाना चाहिए. इससे समाज में सौहार्द्र बढ़ता है. सभी वर्गों का योगदानइस पर्व में फल व कंद-मूल भी चढ़ाये जाते हैं. सिंघाड़ा, पत्ता सहित सुथनी, पत्ता सहित हल्दी, शकरकंद, आंवला आदि भी पूजा में लगता है. ग्वालाबस्ती बारीडीह के श्रवण साव साकची में शकरकंद की दुकान लगाते हैं. उनके घर में भी छठ पूजा होती है. इसलिए वह शकरकंद बेचते समय जूठा आदि से परहेज करते हैं और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं. वहीं, काशीडीह के रामसेवक साकची में सिंघाड़ा बेचते हैं. उनके घर में भी छठ पर्व होता है. वह बताते हैं कि छठ के लिए सिंघाड़ा वह नहाने के बाद ही बेचते हैं. भुइयांडीह के दीपक साकची में आंवला बेचते हैं. छठ पर आंवला भी चढ़ता है. इसे भी वह पर्व में अपना योगदान ही मानते हैं. किसानों की रहती है महती भूमिका छठ पर्व में किसानों की सबसे अधिक भूमिका होती है. उनके घर से ही पकवान बनाने के लिए गेहूं, हल्दी, सुथनी, ईख आदि आते हैं. शहर से कोई छह किलोमीटर दूर बालीगुमा के किसान गेहूं, हल्दी, लौकी आदि की खेती करते हैं. किसान ग्लेडसन बताते हैं कि वे लोग घर के लिए गेहूं उगाते हैं. अधिक उपज होने पर इसकी बिक्री भी करते हैं. उनके मुताबिक छठ पर कई लोग बालीगुमा से गेहूं ले जाते हैं. पर्व वाले गेहूं को वे लोग पैरों से नहीं हाथों से ही सुखाते हैं और साफ बोरे में रखते हैं. यहीं की फूलो देवी घर के साथ-साथ खेती बाड़ी भी करती हैं. उन्होंने घर के पास ही बाड़ी में हल्दी उगायी है. वह घर के लिए हर साल हल्दी उगाती हैं. वह छठ व्रती को मुफ्त में हल्दी देती हैं. फूलो देवी बताती हैं कि यहां के लोग लौकी भी उगाते हैं. छठ करने वाले लौकी भी ले जाते हैं.अर्घ्य के लिए ग्वाला के घर से आता है दूध इस पर्व में अर्घ्य का विशेष महत्व होता है. अर्घ्य ताजा दूध और गंगा जल से दिया जाता है. यह दूध ग्वाला के घर से ही आता है. सिदगोड़ा के दीनानाथ प्रसाद गाय पालते हैं. वह बताते हैं कि अन्य दिनों की अपेक्षा छठ पर गाय को अच्छी तरह से साफ करने के बाद ही दूध निकाला जाता है. दुहने के दौरान किसी तरह की गंदगी रह जाती है तो दूध छठ व्रती को नहीं दिया जाता. बाबू माली मुफ्त में देते हैं फूलछठ पूजा के लिए माली के घर से ही फूल लाया जाता है. काशीडीह के बाबू माली की साकची में फूलों की दुकान है. वह छठ पर प्रत्येक साल मानगो घाट में फूल व अगरबत्ती का स्टॉल लगाते हैं. इसमें छठ व्रती को मुफ्त फूल व अगरबत्ती देते हैं.
BREAKING NEWS
Advertisement
सामाजिक सौहार्द्र का पर्व छठ ::: असंपादित
सामाजिक सौहार्द्र का पर्व छठ ::: असंपादितछठ पर्व को पवित्र और प्रकृति के काफी करीब माना जाता है. इसमें समाज के सभी वर्गों व समुदाय के लोगों की भागीदारी रहती है. पर्व में कई चीजें उपयोग में लायी जाती हैं. इन्हें अलग-अलग समुदाय के लोग तैयार करते हैं. तो आइये जानते हैं कि किस तरह […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement