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वानर योनि से मुक्ति दिलाती है रमा एकादशी

वानर योनि से मुक्ति दिलाती है रमा एकादशी (फोटो रमा एकादशी के नाम से सेव है)स्लग::: व्रत 7 कोलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर दीपावली से चार दिन पूर्व कार्तिक कृष्ण एकादशी तिथि को रमा एकादशी व्रत मनाया जाता है. इसे रंभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष यह व्रत शनिवार, 7 नवंबर […]

वानर योनि से मुक्ति दिलाती है रमा एकादशी (फोटो रमा एकादशी के नाम से सेव है)स्लग::: व्रत 7 कोलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर दीपावली से चार दिन पूर्व कार्तिक कृष्ण एकादशी तिथि को रमा एकादशी व्रत मनाया जाता है. इसे रंभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष यह व्रत शनिवार, 7 नवंबर को है. एकादशी तिथि वैसे तो शुक्रवार, 6 नवंबर को दोपहर 12:37 बजे से आरंभ हो रही है, जो अगले दिन रविवार, 7 नवंबर को दोपहर 2:27 बजे तक रहेगी. इस प्रकार उदया तिथि व दिवा पूर्णकालिक एकादशी तिथि हमें शनिवार को ही प्राप्त हो रही है. इस कारण 7 नवंबर को ही रमा एकादशी व्रत होगा. इस व्रत में भी सभी एकादशियों की तरह ही व्रती प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें. फिर माता लक्ष्मी सहित भगवान विष्णु की सविधि पूजा करें. संध्या काल में पुन: स्नानादि के पश्चात पवित्र होकर भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार श्रीकृष्ण के केशव रूप की पूजा-आराधना करनी चाहिए. रमा एकादशी व्रत के पूजन में नैवेद्य के रूप में अन्य ऋतु फलों के साथ ही भगवान को केला अवश्य अर्पित करें. ऐसा करने से वानर योनि से मुक्ति मिलती है. इस एकादशी व्रत में भी रात्रि जागरण का विशेष महत्व है. व्रत का पारण रविवार, 8 नवंबर को प्रात: 5:55 बजे के बाद कभी भी किया जा सकता है. इस व्रत को करने से माता लक्ष्मी की कृपा के अलावा धन-धान्य व सौभाग्य की वृद्धि होती है.

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