राज्य में एनपीए 6 फीसदी पहुंचा, बैंकों पर दबाव- आरबीआइ ने चालू वित्त वर्ष में तीन फीसदी के आसपास करने को कहा- जहां रिकवरी नहीं हो रही है, वहां संपत्ति की नीलामी करने का आदेश – बैंकों ने लोन लेने वालों पर दबाव बनाना किया शुरू वरीय संवाददाता, जमशेदपुरझारखंड के बैंकों में नन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) लगातार बढ़ रहे हैं. कुल लोन का 6 फीसदी एनपीए होने से बैंकों की चिंता बढ़ गयी है. इसे लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने बैंकों को एनपीए घटाने की हिदायत दी है. बैंकों को चालू वित्त वर्ष में रिकवरी करते हुए एनपीए 3 फीसदी के आसपास करने को कहा गया है. इसे सभी बैंकों के प्रबंधन दबाव बढ़ा रहा है. कंपनियों से लेकर निजी स्तर पर लोन लेने वालों पर दबाव बनाना शुरू किया गया है. जानकारी के अनुसार बैंकों का बड़ा लोन फंसा है, वहीं रिकवरी की स्थिति नहीं बन रही है. ऐसी संपत्तियों को अटैच कर नीलामी से एनपीए राशि घटाने को कहा गया है. स्टेट लेवल कमेटी की मीटिंग में इसे लेकर दबाव बनाया गया है. बताया जाता है कि नवंबर से मार्च तक यही स्थिति रहेगी. एनपीए घटाना बड़ी चुनौती : क्षेत्रीय निदेशकरिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक एमके वर्मा ने बताया कि लोन का 6 फीसदी एनपीए होना खतरनाक संकेत है. संभव है कि अर्थव्यवस्था में आयी शिथिलता व खानें बंद होने के कारण ऐसी परिस्थितियां आयी होगी. हालांकि इसे हर हाल में 3 फीसदी किया जायेगा. इसके लिए रणनीति तैयार कर ली गयी है.
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राज्य में एनपीए 6 फीसदी पहुंचा, बैंकों पर दबाव
राज्य में एनपीए 6 फीसदी पहुंचा, बैंकों पर दबाव- आरबीआइ ने चालू वित्त वर्ष में तीन फीसदी के आसपास करने को कहा- जहां रिकवरी नहीं हो रही है, वहां संपत्ति की नीलामी करने का आदेश – बैंकों ने लोन लेने वालों पर दबाव बनाना किया शुरू वरीय संवाददाता, जमशेदपुरझारखंड के बैंकों में नन परफॉर्मिंग एसेट्स […]
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