जमशेदपुर : जिला प्रशासन ने शुक्रवार को दावा किया कि शहर में शांति-व्यवस्था पूरी तरह बहाल हो गयी है. शहर के किसी भी हिस्से में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी. जिला प्रशासन ने तय किया कि जमशेदपुर के सारे हिस्से से शनिवार से कर्फ्यू को हटा दिया जायेगा. सिर्फ चार थाना क्षेत्रों मानगो, आजादनगर, उलीडीह और एमजीएम में रात आठ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू रहेगा.
शुक्रवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में डीसी व एसएसपी ने बताया कि पूरे शहर में शांति व्यवस्था बहाल कर दी गयी है. शांति व्यवस्था को देखते हुए जमशेदपुर के सारे हिस्से में कर्फ्यू हटा दी गयी है. सिर्फ शुक्रवार को रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू रहेगा, इसके बाद शनिवार की सुबह पांच बजे के बाद से कर्फ्यू समाप्त हो जायेगी. संवाददाता सम्मेलन में डीसी ने बताया कि सभी सरकारी स्कूल शनिवार से खुल जायेंगे, जबकि निजी स्कूल प्रबंधन तय करेंगे कि उन्हें कब से स्कूल खोलना है.
इससे पूर्व शुक्रवार को शहर में पूरी तरह शांति रही. मानगो, आजादनगर, उलीडीह और एमजीएम थाना क्षेत्र में सुबह नौ बजे से शाम के चार बजे तक कर्फ्यू में छूट दी गयी थी. इस छूट के दौरान ही नमाजियों ने जुमे की नमाज अदा की. शांति व्यवस्था बने रहने के बाद इस इलाके में दो घंटे की छूट और बढ़ा दी गयी व शाम छह बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गयी.
इसी तरह शेष अन्य शहर में सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक कर्फ्यू में छूट थी. इस दौरान शांति कायम रहने के बाद रात दस बजे तक कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी गयी थी. रात दस बजे के बाद से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू को जारी रखा गया.डीसी व एसएसपी ने बताया कि नो इंट्री के समय को भी जैसा पहले सामान्य दिनों में रहता था, वैसे ही रखा गया है. उसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है.
दो गैंग की लड़ाई में शहर हुआ अशांत
जमशेदपुर : आसिफ अख्तर उर्फ शिबू एवं मो वारिस के गिरोह ने आपसी लड़ाई में पूरे शहर का माहौल खराब किया. दोनों ही गिरोह में दोनों समुदाय के लोग शामिल थे और लड़ाई के बाद लोगों को उकसा कर भीड़ इकट्ठा किया. इससे शहर का माहौल खराब हुआ. यह बातें एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने संवाददाता सम्मेलन में कही. जिला मुख्यालय सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल, सिटी एसपी चंदन झा, ग्रामीण एसपी शैलेंद्र सिन्हा, एएसपी शैलेंद्र वर्णवाल समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल थे.
एसएसपी श्री मैथ्यू ने बताया कि पूरी घटना की शुरुआत 19 जुलाई को हुई. बावनगोड़ा चौक पर 19 जुलाई की सुबह 8.30 बजे आसिफ अख्तर उर्फ शिबू एवं उसके दोस्त मो जसीम का मो वारिस एवं उस के अन्य दोस्तों के साथ मारपीट हुई थी. दोनों पक्षों के बीच पूर्व में मुहर्रम के दौरान भी मारपीट हुई थी,
जिसका विवाद चल रहा था. मारपीट के दौरान आजाद नगर थाना की गश्ती पुलिस वहां पहुंच गयी, जिसे देख कर वारिस एवं उसके सहयोगी भाग निकले. पुलिस घायल शिबू एवं जसीम को घायल हालत में एमजीएम अस्पताल ले जाकर इलाज करायी और शिबू के बयान पर वारिस एवं अन्य के खिलाफ (आजाद नगर थाना कांड संख्या 296/ 15) मामला दर्ज किया गया.
20 जुलाई (सोमवार) की शाम 6.30 बजे शिबू और उसके सहयोगी बबई नंदी उर्फ पुटिक, शुभम सिंह, जसीम, दीपू, बाबू (शिबू के भाई का साला), इमरान, भगीना, राजा, फलवाला, कल्लू, फैयाज गांधी मैदान के पीछे बैठ कर शराब पी रहे थे. इस बीच विरोधी गुट के वारिस एवं उसके दोस्त छोटू पंडित, मोनू पांडेय, जल्ला फिरोज, सद्दाम बच्च, फैयाज, गुलजार लाइन के कुछ युवक गांधी मैदान पहुंच गये.
दोनों ही गिरोह में दोनों समुदाय के लोग शामिल थे. दोनों गिरोह के बीच मारपीट हुई और अधिक संख्या होने के कारण शिबू और उसके सहयोगी भारी पड़ गये और वारिस व उसके गैंग के लोग मानगो अक्षेस भवन के गेट से होते हुए दाईगुट्ट की ओर भाग निकले. वारिस गिरोह के छोटू पंडित, मोनू पांडेय ने दाईगुट्ट में जाकर अपने लोगों को भड़का कर रोड जाम कराया, जबकि शिबू, उसके भाई कैप्टन पप्पू, पिता मो हाफिज उर्फ लल्लू व उसके सहयोगियों द्वारा अपने लोगों को भड़का कर रोड नंबर 1 के पास इकट्ठा किया जिसके बाद दोनों गुटों के बीच गाली-गलौज, नारेबाजी, पथराव की घटना हुई. दोनों गिरोह द्वारा घटना को सांप्रदायिक रूप दिया गया.
एसएसपी ने बताया कि दोनों ही गिरोह का आपराधिक इतिहास है और पूर्व से कई मामले दर्ज हैं.एसएसपी ने बताया कि शिबू पूरी घटना का मुख्य षडयंत्रकारी है. शिबू, जसीम और बबई नंदी उर्फ पुटिक को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि वारिस, छोटू पंडित, मोनू पांडेय समेत अन्य की तलाश में छापेमारी की जा रही है और जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
एसएसपी ने बताया कि दोनों गिरोह के लोग पूर्व से आपराधिक चरित्र के तथा नशेड़ी हैं. दोनों गिरोह के लोगों ने अपने फायदे के लिए लोगों को भड़काया.एसएसपी ने कहा कि अब तक की जांच में छेड़खानी के कारण घटना होने की बात सामने नहीं आयी है. एसएसपी ने बताया कि पूरी घटनाक्रम अचानक होती गयी इस लिए इसमें इंटेलीजेंस की कोई बात नहीं है.
वारिस व फिरोज ने हमला किया था: जसीम : गिरफ्तार जसीम एवं बबई नंदी को पुलिस ने मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया. जसीम ने बताया कि वह 19 जुलाई को बावनगोड़ा चौक गया था. वहां वारिस एवं जल्ला फिरोज व उसके साथियों ने हमला कर दिया.
उसे गाड़ी छोड़ कर भागना पड़ा. वह शिबू के साथ गाड़ी लेने के लिए बावनगोड़ा चौक गया, जहां फिरोज व वारिस ने बोतल से हमला कर दिया. हमले में वह घायल हो गया था. इस बीच पुलिस जीप आ गयी और वारिस व उसके साथी घायल हो गये. 20 की शाम दीपू, अभिजीत मंडल समेत चार साथी उसके घर आये. उसने दही बड़ा खिलाया. इसके बाद सभी लोग गांधी मैदान गये और बीयर पी रहे थे.
इस बीच मोनू पांडेय, छोटू पंडित समेत अन्य लोग आ गये और हमला कर दिये. मारपीट में उन लोगों को भागना पड़ा और हनुमान मंदिर की ओर भाग गये, जिसके बाद रोड जाम कर दिया.
शिबू के परिवार वालों ने लोगों को भड़काया: बबई नंदी: शिबू के सहयोगी बबई नंदी ने पत्रकारों को बताया कि गांधी मैदान में मारपीट की घटना के बाद शिबू, उसका भाई कैप्टन पप्पू, पिता लल्लू, चूना शाह कॉलोनी में रहने वाले भाई समेत अन्य लोग लोगों को भड़का कर भीड़ इकट्ठा कर दिये और पथराव किया.
विशेष अभियान में 89 गिरफ्तार : एसएसपी ने बताया कि शहर में हुए घटनाक्रम को देखते हुए शहर के सभी थाना क्षेत्र में बीती रात विशेष छापामारी अभियान चलाया गया. विशेष अभियान में 89 वारंटी को गिरफ्तार किया गया है.
एसएसपी ने बताया कि आपराधिक चरित्र के लोग अपने समाज में हीरो बनने के लिए संप्रदाय के विवाद को बढ़ावा देते हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए यह अभियान चलाया गया. एसएसपी ने बताया कि पूरे विवाद प्रकरण में अब तक 8 लोगों को जेल भेजा चुका है. कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हुई है तथा अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है.