हेल्थ केयर- नोट- फोटो हैडॉ हिमांशु शेखर भारतीफीजियोथेरेपिस्टलोगों को शरीर में मसल स्पॉज्म हो जाये तो डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. मसल स्पॉज्म होने के बहुत सारे कारण हैं. मसल्स में अचानक बहुत ज्यादा खिंचाव होने के कारण, चोट लगने के कारण, लम्बे समय से ज्वाइंट में दर्द होने के कारण, ज्वाइंट्स में कड़ापन के कारण, पैरालाइसिस के कारण मसल स्पॉज्म हो सकता है. मसल स्पॉज्म होने के कारण मसल में कड़ापन का एहसास व मसल के चारों तरफ दर्द होता है. ऐसा होने से देखा गया है कि लोगों के मसल्स में दर्द होता है और वह कड़ा हो जाता है. इस प्रकार के लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए. वहीं इसका इलाज एक्यूट केस में आइस थेरेपी द्वारा किया जाता है व क्रॉनिक केस में अल्ट्रासोनिक थेरेपी, वेपर थेरेपी, गर्म पानी की सेक, शॉर्ट वेव डाईथर्मी द्वारा किया जाता है. यह किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता है. देखा गया है कि 40 साल की उम्र के बाद के लोगों में मसल स्पॉज्म की समस्या ज्यादा होती है. हेल्थ केयर : मसल स्पॉज्मलक्षण : मसल्स में दर्द होता है व कड़ापन. उपाय : लक्षण महसूस होने पर डॉक्टरी सलाह लेंे.
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मसल स्पॉज्म हो, तो लें डॉक्टरी सलाह
हेल्थ केयर- नोट- फोटो हैडॉ हिमांशु शेखर भारतीफीजियोथेरेपिस्टलोगों को शरीर में मसल स्पॉज्म हो जाये तो डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. मसल स्पॉज्म होने के बहुत सारे कारण हैं. मसल्स में अचानक बहुत ज्यादा खिंचाव होने के कारण, चोट लगने के कारण, लम्बे समय से ज्वाइंट में दर्द होने के कारण, ज्वाइंट्स में कड़ापन के कारण, […]
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