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नाम के लिए रह गया एमजीएम ब्लड बैंक
जमशेदपुर: सरकारी उपेक्षा और भीषण गरमी के कारण एमजीएम अस्पताल परिसर में स्थित ब्लड बैंक में रक्त की कमी हो गयी है. यहां फिलहाल दो यूनिट रक्त बचा है, ऐसे में ब्लड के जरुरतमंदों को बिना डोनर (रक्तदाता) लाये रक्त नहीं मिल रहा है. रक्त के लिए लोगों को जमशेदपुर ब्लड बैंक जाना पड़ रहा […]
जमशेदपुर: सरकारी उपेक्षा और भीषण गरमी के कारण एमजीएम अस्पताल परिसर में स्थित ब्लड बैंक में रक्त की कमी हो गयी है. यहां फिलहाल दो यूनिट रक्त बचा है, ऐसे में ब्लड के जरुरतमंदों को बिना डोनर (रक्तदाता) लाये रक्त नहीं मिल रहा है. रक्त के लिए लोगों को जमशेदपुर ब्लड बैंक जाना पड़ रहा है. बताया जाता है कि सरकार से रक्तदान शिविर लगाने के लिए पर्याप्त फंड नहीं मिलने व कर्मचारियों की कमी के कारण ऐसे हालात उत्पन्न हुए हैं.
रक्तदाता दिवस पर नहीं हुआ कार्यक्रम : रविवार को रक्तदाता दिवस पर शहर में कई जगहों पर रक्तदान शिविर लगाया गया, लेकिन एमजीएम अस्पताल का ब्लड बैंक सुनसान रहा. हालांकि सरकार की ओर से फंड व कार्यक्रम के लिए पत्र लिखा गया था. इस संबंध में ब्लड बैंक के पदाधिकारियों ने बताया कि रक्तदाता दिवस के लिए पांच हजार रुपये फंड मिला था. उसी पैसे से शिविर का आयोजन करना, प्रचार प्रसार, होर्डिग-बैनर व कैंप की फोटोग्राफी करानी थी. इसके साथ ही, जो संस्था शिविर लगाती, उसे 35 रुपये प्रति डोनर के हिसाब से पैसा देना था. वहीं अधिक रक्तदान करने वालों को सम्मानित भी करना था. इतना कुछ पांच हजार रुपये में संभव नहीं है.
हर वर्ष 10 हजार यूनिट रक्त की खपत
एमजीएम अस्पताल में सालाना 10 हजार यूनिट रक्त की जरूरत होती है, लेकिन स्टाफ की कमी व अन्य कारणों से मात्र 3500 यूनिट रक्त संग्रह हो पाता है. अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 20 से 25 यूनिट रक्त की जरूरत होती है.
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