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10 घंटे में कुरान खत्म कर 18 हाफिजों ने बनाया रिकॉर्ड
जमशेदपुर: मदरसा मरकजी दारुल किरत का 10वां सालाना जलसा सह दस्तारबंदी समारोह छह जून को मानगो के ईदगाह मैदान में आयोजित होगा. रात नौ बजे से आयोजित इस समारोह में मुबारकपुर से अल्लामा मोहम्मद अहमद मिसवाही, यूपी से मुफ्ती मोहम्मद निजामुद्दीन रिजवी (प्रिंसिपल जामिया अशरफिया मुबारकपुर), अमरडोबा से मौलाना गुलाम मुहीउद्दीन, मुंबई से मौलाना यूसुफ […]
जमशेदपुर: मदरसा मरकजी दारुल किरत का 10वां सालाना जलसा सह दस्तारबंदी समारोह छह जून को मानगो के ईदगाह मैदान में आयोजित होगा. रात नौ बजे से आयोजित इस समारोह में मुबारकपुर से अल्लामा मोहम्मद अहमद मिसवाही, यूपी से मुफ्ती मोहम्मद निजामुद्दीन रिजवी (प्रिंसिपल जामिया अशरफिया मुबारकपुर), अमरडोबा से मौलाना गुलाम मुहीउद्दीन, मुंबई से मौलाना यूसुफ रजा कादरी शिरकत करेंगे.
कार्यक्रम का संचालन गिरिडीह के मौलाना कमरुद्दीन मिसवाही करेंगे. इसके अलावा देश के कई भागों से उलेमा ए कराम हिस्सा लेंगे. गुरुवार को मदरसा में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए सदर हाजी मुख्तार सफी और महासचिव हाजी गुलाम अरबी ने बताया कि इस बार उनके मदरसे से 36 हाफिज और 16 कारी फारिग (पास आउट) हो रहे हैं. इस बार फारिग होने वाले हाफिज में 18 ऐसे हैं, जो एक बैठक में दस घंटे के अंदर ही कुरआन खत्म कर देंगे. इतनी बड़ी संख्या में पहली बार एक ही बैठक में कुरआन पढ़कर सुनाने वाले फारिग हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य छात्रों को बेहतर इसलामिक और दुनियाबी तालीम प्रदान करना है, ताकि वे दीन के लिए और समाज के हित में बेहतर काम कर सकें.
संवाददाता सम्मेलन में मुफ्ती शाहिद, मुफ्ती आबिद रजा, मौलाना इंतेखाब रजा, मुफ्ती इमामुद्दीन, मौलाना गुलाम रब्बानी, कारी निसार अहमद, कारी अहमद रजा सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
एक बैठक में कुरआन सुनाने वाले
हजारीबाग के फजले रसूल जामी, मोहम्मद अजमल रजा, मधुबनी के मोहम्मद इसराफिल, गिरिडीह के मोहम्मद अकबर हुसैन, मोहम्मद ताजुद्दीन, देवघर के मोहम्मद अशरफ, अहमद रजा, मुश्ताक आलम, समस्तीपुर के मोहम्मद शमशेर, रामगढ़ के मोहम्मद जीशान, गया के मोहम्मद साजिद, जमशेदपुर के मोहम्मद सैफ अली, वैशाली के इम्तियाज आलम, पलामू के मोहम्मद इस्माइल, बांका के गुलाम अहमद रजा, मोहम्मद एहसान, जामताड़ा के मोहम्मद बहाउद्दीन और दीनाजपुर के मोहम्मद इकबाल.
इन पर सजेगा हाफिज का ताज
हजारीबाग के फजले रसूल जामी, मोहम्मद अजमल रजा, मोहम्मद हामिद रजा, मोहम्मद जिबराइल, मधुबनी के मोहम्मद ताबिश रजा, नबी हसन, मोहम्मद इसराफिल, गिरिडीह के मोहम्मद अकबर हुसैन, मोहम्मद ताजुद्दीन, शाहिद रजा, आजाद हुसैन, कुतुबुद्दीन, फैजान अशरफ, देवघर के मोहम्मद अशरफ रजा, मुश्ताक आलम, अहमद रजा खान, समस्तीपुर के मोहम्मद शमशीर, रामगढ़ के मोहम्मद जीशान, गया के मोहम्मद साजिद हुसैन, साजिद रब्बानी, जमशेदपुर के मोहम्मद सैफ अली, वैशाली के मोहम्मद इम्तियाज आलम, बांका के गुलाम अहमद रजा, मोहम्मद एहसन, पैगाम रजा, शमशेर रजा अशर्फी, जामताड़ा के मोहम्मद बहाउद्दीन दीनाजपुर के मोहम्मद इकबाल, पलामू के इसमाइल रजा, वर्धवान के मोहम्मद शहजादा, कोडरमा के कमरुद्दीन, मोहम्मद इमदाद, खगड़िया के बख्तियार आलम, औरंगाबाद के मुख्तार अहमद बोकारो के मोहम्मद सज्जद, काको शरीफ के इरशाद रजा.
इन पर सजेगा कारी का ताज : रामगढ़ के मोहममद रसूल आलम, जमशेदपुर के ताहिर हुसैन, हजारीबाग के आफताब आलम, देवघर के असलम रजा, वैशाली के वसीम अहमद, दानिश रजा, चतरा के इंतेखाब आलम, औरंगाबाद के मोहम्मद सनाउल्लाह, देवघर के मोहम्मद अहमद रजा, दीनाजपुर के अजहर रजा, मीर इमरान, छपरा के फैसल इमाम, रांची के गुलाम रब्बानी, मोहम्मद इमरान, भद्रक के मोहम्मद इश्तियाक रोहतास के अफजल हुसैन.
मदरसा एक नजर में
2004 में बने मरकजी दारुल किरत वेलफेयर सोसाइटी के अंतर्गत संचालित मदरसा मरकजी दारुल किरत में 350 छात्र हैं. इनमें 250 छात्रों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध है. यहां अरबी और उर्दू के अलावा कंप्यूटर, अंग्रेजी, हिन्दी, गणित की शिक्षा झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अनुसार प्रदान की जाती है. इन विषयों के आधार पर छात्रों को दुनियाबी तालीम से भी जोड़ने की कोशिश की जाती है. छात्रों की परीक्षा जिसे राबिया कहा जाता है उसकी छमाही और वार्षिक परीक्षायें जामिया अशरफिया मुबारकपुर से होती हैं. अब तक इस संस्थान से 500 से अधिक बच्चे पास आउट हो चुके हैं. मदरसा में जेनरेटर और इनवर्टर की भी अतिरिक्त व्यवस्था की गयी है.
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