-जागरू कता की कमी के कारण झारखंड में वनाधिकार पट्टा का वितरण कम हुआ है संवाददाता, जमशेदपुर उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल ने मंगलवार को झंडी दिखा कर समाहरणालय परिसर से दो सूचना रथ रवाना किया. एक रथ सरायकेला जिला के लिए और दूसरा पटमदा, बोड़ाम के लिए रवाना हुआ. यह रथ 14 जून तक जिले के सभी प्रखंडों में भ्रमण करेगा. लोगों को वन अधिकार अधिनियम 2006 के विभिन्न प्रावधानों से अवगत करायेगा. कल्याण, राजस्व भूमि सुधार तथा वन व पर्यावरण विभाग साथ मिलकर लोगों को जागरू क करेगा. इस मौके पर डीडीसी विनोद कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर परमेश्वर भगत, डीएफओ आलम अंसारी, जिला कल्याण पदाधिकारी आशीष कुमार आदि उपस्थित थे. वन अधिकार पट्टा का हकदार कौन -वन में निवास करने वाले अनुसूचित जनजाति के लोग जो 13 दिसंबर 2005 से पूर्व प्राथमिक रू प से वन में निवास करते रहे हैं. उनकी जीविका वन भूमि पर निर्भर है. -परम्परागत वन निवासी जो 13 दिसंबर से पूर्व कम से कम 3 पीढि़यों तक प्राथमिक रू प से (75 साल) वन या वनभूमि में निवास करते रहे हैं.कैसे मिलेगा वन अधिकार का पट्टाग्रामसभा दावों को स्वीकार कर वन अधिकार समिति को प्राधिकृत करेगी. समिति दावा का सत्यापन कर ग्रामसभा को उपलब्ध करायेगी. दावा पत्र लेकर ग्रामसभा वन और अंचल को सूचना देगी. ग्रामसभा फिर आवेदन की जांच कर अनुशंसा कर अनुमंडल को रिपोर्ट देगी. अनुमंडल दावा पत्रों की जांच कर जिला को भेजेगा. जिला स्तरीय कमेटी दावों पर समुचित आदेश देगी. दावा फॉर्म पंचायत, प्रखंड कार्यालय से नि:शुल्क मिलेगा. सभी ग्राम में न्यूनतम 10 और अधिकतम 15 सदस्यों की टीम बनेगी. टीम में एक- एक अध्यक्ष, सचिव होंगे.
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लोगों को जागरूक करेगा सूचना रथ (फोटो -उमा-2)
-जागरू कता की कमी के कारण झारखंड में वनाधिकार पट्टा का वितरण कम हुआ है संवाददाता, जमशेदपुर उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल ने मंगलवार को झंडी दिखा कर समाहरणालय परिसर से दो सूचना रथ रवाना किया. एक रथ सरायकेला जिला के लिए और दूसरा पटमदा, बोड़ाम के लिए रवाना हुआ. यह रथ 14 जून तक जिले […]
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