डॉ आरएन रॉयकार्डियोलॉजिस्टकोरोनरी आर्टरी डिजीज कई कारणों से हो सकती है. स्मोकिंग, डायबिटीज के मरीज, हाइपर टेंशन, मोटापा, सिडेंटरी लाइफ स्टाइल, तनाव व शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा का बढ़ना इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं. इसमें मरीज को छाती में दर्द, सीढ़ी चढ़ने में सांस लेने में तकलीफ, सांस का फूलना, हाथ व पीठ में दर्द, पसीना आना, चक्कर आना, चक्कर जैसा महसूस होना व उल्टी आना जैसी समस्याएं सामने आती हैं. ऐसे में जरूरी है कि शरीर में इस प्रकार के लक्षण दिखायी देने के साथ ही डॉक्टरी सलाह लें. जिन व्यक्तियों की कमर की चौड़ाई 90 इंच से ज्यादा है, उन्हें खास तौर पर सावधान रहने की जरूरत है. मांसाहार की बजाय हरी सब्जियों व फलों का सेवन करें, अलकोहल व स्मोकिंग न करें. डायबिटीज के मरीज ज्यादा सावधानी बरतें, बीपी को कंट्रोल में रखें, फास्ट फूड व तैलीय पदार्थों का सेवन न करें व तनाव न लें. बीमारी : कोरोनरी आर्टरी. लक्षण : छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, हाथ व पीठ में दर्द, पसीना आना व चक्कर आना आदि. उपाय : 90 इंच से ज्यादा है चौड़ी कमर वाले रहें सतर्क, मांसाहार न करें, शराब व सिगरेट से बचें, परेशानी ज्यादा होने पर डॉक्टर को संपर्क करें.
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कोरोनरी आर्टरी से बचाव के लिए बदलें जीवन शैली
डॉ आरएन रॉयकार्डियोलॉजिस्टकोरोनरी आर्टरी डिजीज कई कारणों से हो सकती है. स्मोकिंग, डायबिटीज के मरीज, हाइपर टेंशन, मोटापा, सिडेंटरी लाइफ स्टाइल, तनाव व शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा का बढ़ना इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं. इसमें मरीज को छाती में दर्द, सीढ़ी चढ़ने में सांस लेने में तकलीफ, सांस का फूलना, हाथ व पीठ […]
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