जमशेदपुर: नये सत्र से स्नातक प्रथम वर्ष में हर संकाय के विद्यार्थियों के लिए फाउंडेशन कोर्स अनिवार्य होगा. परंपरागत बीएससी, बीकॉम, बीए या वोकेशनल कोर्स का विद्यार्थी होगा, उसे फाउंडेशन कोर्स करना होगा. ऐसा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व व कौशल विकास के उद्देश्य से किया जा रहा है. यह जानकारी टाटा इंस्टीटय़ूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) से आयी टीम के सदस्यों ने दी. नेशनल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट स्किल्स डेवलपमेंट (एनयूएसएसडी) के तहत विश्वविद्यालय के साथ 11 सितंबर को होनेवाले एमओयू के मद्देनजर टिस की दो सदस्यीय टीम ने ग्रेजुएट कॉलेज का दौरा किया.
टीम में टिस से आये प्रदीप कुमार और अरुण अग्रवाल शामिल हैं. यहां कॉलेज का जायजा लेने के पश्चात उन्होंने कॉलेज की एनएसएस इकाई से जुड़ी के साथ भी बातचीत की. उन्हें कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दरअसल, केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रलय की ओर से यह कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को कुशल बनाना है, ताकि पढ़ाई करने के साथ-साथ उन्हें रोजगार के लिए भटकना न पड़े. इसके लिए एक प्लेसमेंट सेल का भी गठन किया जायेगा, जो विद्यार्थियों को जॉब दिलाने का काम करेगा. फिलहाल यह कार्यक्रम कोल्हान विश्वविद्यालय के तीन कॉलेज में शुरू किया जाना है. इनमें ग्रेजुएट कॉलेज, वीमेंस कॉलेज और चाईबासा स्थित टाटा कॉलेज शामिल हैं.
क्या है कोर्स में
टिस की ओर से संचालित इस कोर्स में छात्र- को प्रथम वर्ष में इंग्लिश कम्यूनिकेशन, सॉफ्ट स्किल, आइटी लिटरेसी, फाइनांशियल लिटरेसी, डिजिटल लिटरेसी और लीगल लिटरेसी की जानकारी दी जायेगी. उसके बाद सेकेंड इयर में विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार वोकेशनल प्रशिक्षण का चयन कर सकते हैं. उन्हें उसमें दक्ष बनाया जायेगा. इस तरह तीन वर्ष के स्नातक पाठय़क्रम के साथ-साथ यह प्रोग्राम भी चलेगी. इसमें प्रथम वर्ष सर्टिफिकेट, द्वितीय वर्ष डिप्लोमा और तृतीय वर्ष में एडवांस डिप्लोमा का सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा.
गरीब विद्यार्थियों को प्राथमिकता
इस कार्यक्रम में गरीब परिवारों से आनेवाले विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जायेगी. उन्हें प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाने के साथ-साथ जॉब दिलाना भी कार्यक्रम के उद्देश्यों में शामिल है. पाठय़क्रम को काफी सरल बनाया गया है.