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सरकार के आदेश का करेंगे पालन

राज्य भर के निजी स्कूल के प्राचार्यो ने रखा अपना पक्ष, कहा जमशेदपुर : निजी स्कूलों ने साफ किया है कि वे सरकार द्वारा निर्धारित सभी मापदंड का पालन करेंगे. इस वर्ष बस भाड़ा में कोई बढ़ोतरी नहीं की जायेगी. री एडमिशन के नाम पर बच्चों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. शुक्रवार को […]

राज्य भर के निजी स्कूल के प्राचार्यो ने रखा अपना पक्ष, कहा
जमशेदपुर : निजी स्कूलों ने साफ किया है कि वे सरकार द्वारा निर्धारित सभी मापदंड का पालन करेंगे. इस वर्ष बस भाड़ा में कोई बढ़ोतरी नहीं की जायेगी. री एडमिशन के नाम पर बच्चों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है.
शुक्रवार को रांची में निजी स्कूल और सरकार के स्तर पर एक बैठक हुई जिसमें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार व शिक्षा सचिव आराधना पटनायक के साथ राज्य भर के निजी स्कूलों के प्राचार्य और स्कूल प्रबंधन से जुड़े सदस्य शामिल हुए. बैठक में निजी स्कूलों की ओर से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपना पक्ष रखा गया. बैठक में निजी स्कूलों की ओर से उभर कर सामने आने वाली बातों को सरकार के स्तर पर कलमबंद किया गया.
जल्द ही सरकार निजी स्कूलों को लेकर रेगुलेटरी बनाने जा रही है, इसे तय करने से पहले स्कूलों का पक्ष लिया गया. बैठक में झारखंड अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष बेली बोधन वाला, महासचिव केपी नायर, सहोदय रांची के अध्यक्ष डॉ राम सिंह, संत जेवियर स्कूल के प्राचार्य फादर अजीत खेस, डीएवी रांची जोन के निदेशक टी पति,एमके सिन्हा आदि उपस्थित थे.
बस भाड़ा नहीं बढ़ेगा, फीस पर जिच बरकरार
निजी स्कूल प्रबंधन ने फैसला लिया कि वे बस भाड़ा नहीं बढ़ायेंगे. इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि वे अगर हर साल 10 से 15 फीसदी फीस बढ़ाते हैं तो उसके वाजिब कारण हैं.
शिक्षकों के वेतन का पैसा बच्चों की फीस से ही आता है. उनका वेतन बढ़ाना आवश्यक होता है, इसी वजह से हर साल फीस में बढ़ोतरी की जाती है. इस पर सरकार की ओर से फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया. हालांकि सरकार निजी स्कूलों के फीस को रेगुलेट करने पर विचार कर रही है.
बीपीएल बच्चे का दाखिला मार्च तक सुनिश्चित किया जाये : बैठक में निजी स्कूलों ने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत बीपीएल बच्चों का नामांकन ले रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा अप्रैल – मई में बीपीएल बच्चों का नामांकन प्रक्रिया शुरू की जाती है. इस कारण विद्यालय को परेशानी होती है. इससे पढ़ाई में भी बच्चे पीछे हो जाते हैं. शिक्षा सचिव ने प्राचार्यो को आश्वासन दिया कि अगले वर्ष से बीपीएल बच्चों की नामांकन प्रक्रिया पहले शुरू की जायेगी.
आरटीइ के नाम पर सरकारी ऑफिसर करते हैं परेशान
राज्य के कई निजी स्कूल के प्राचार्यो ने कहा कि उन्हें आरटीइ, सरकार के आदेश के नाम पर कुछ लोगों द्वारा परेशान किया जा रहा है. इससे उन्हें स्कूल संचालन में परेशानी हो रही है. प्राचार्यो ने सरकार से सुरक्षा की मांग की. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने प्राचार्यो के आश्वासन दिया कि उन्हें स्कूल के संचालन में कोई परेशानी नहीं आने दी जायेगी. सरकार की ओर से उन्हें पूरी सुरक्षा दी जायेगी. निजी स्कूल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि राजनीति से जुड़े लोगों के साथ ही सरकारी ऑफिसर भी आरटीइ की आड़ में तरह -तरह से परेशान करते हैं. इस पर रोक लगाने की बात कही गयी है.
स्कूलों की फीस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश : एनुअल फीस, डेवलपमेंट फीस मामले में स्कूलों को रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है. सभी जिलों के निजी स्कूलों को संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में फीस रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है. रिपोर्ट जमा होने के बाद सरकार स्तर से इसका निर्धारण किया जायेगा.
‘‘रांची में हुई बैठक अच्छी रही. इसमें कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की गयी. बैठक के दौरान री एडमिश्न के साथ ही बीपीएल बच्चों के एडमिशन पर चर्चा की गयी. सरकार की ओर से हमारी बातें सुनी गयी है.
फीस बढ़ोतरी को लेकर कहा गया कि सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी. हमारी ओर से भी कहा गया है कि हम ना री एडमिशन की फीस लेंगे और ना ही किसी बच्चे से कैपिटेशन फीस लेंगे. बेली बोधनवाला, अध्यक्ष, झारखंड अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

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