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आरोपी आरक्षी विनोद गुप्ता को पहुंचाया लाभ, उद्यमियों से वसूली की जांच में फंसे एसपी लाल

आदित्यपुर: उद्यमियों से पुलिस द्वारा भयादोहन किये जाने के बहुचर्चित मामले में सरायकेला-खरसावां जिला के पूर्व एसपी मदन मोहन लाल के कारनामों का खुलासा खुद पुलिस ने किया है. डीआइजी ने अपनी जांच रिपोर्ट में साफ कहा कि आरक्षी विनोद गुप्ता द्वारा उद्यमियों से की जा रही वसूली मामले में ना सिर्फ जिले के तत्कालीन […]

आदित्यपुर: उद्यमियों से पुलिस द्वारा भयादोहन किये जाने के बहुचर्चित मामले में सरायकेला-खरसावां जिला के पूर्व एसपी मदन मोहन लाल के कारनामों का खुलासा खुद पुलिस ने किया है. डीआइजी ने अपनी जांच रिपोर्ट में साफ कहा कि आरक्षी विनोद गुप्ता द्वारा उद्यमियों से की जा रही वसूली मामले में ना सिर्फ जिले के तत्कालीन एसपी मदन मोहन लाल ने अनुसंधान को दिग्भ्रमित करते हुए आरोपी को पद का दुरुपयोग करते हुए लाभ पहुंचाया, बल्कि व्यावसायियों से की जा रही वसूली के मामले में भी श्री लाल की भूमिका काफी संदेह के घेरे में है.

आइजी ने डीआइजी की रिपोर्ट के आधार पर वर्तमान एसपी को कार्रवाई का आदेश दिया. जिसके बाद आरक्षी विनोद गुप्ता को सिमडेगा से गिरफ्तार किया गया. गौरतलब है कि आदित्यपुर के उद्यमियों ने इस मामले में सीधे-सीधे तत्कालीन एसपी मदन मोहन लाल पर भयादोहन करने का आरोप लगाते हुए धरना-प्र्दशन और थाने का घेराव तक किया था. हाल ही में श्री लाल का तबादला कर दिया गया है.

आरोपी की बदली गयी धारा: इस मामले में जुगसलाई निवासी उद्यमी सांवरमल शर्मा की शिकायत पर आरोपी आरक्षी विनोद गुप्ता पर धारा 387/419/420 के तहत मामला दर्ज किया गया था. यह गैर जमानतीय धारा थी. इसमें बिनोद गुप्ता को कामसा स्टील के स्क्रैप लदे ट्रक को पकड़वाने और श्री लाल का प्रतिनिधि बन कंपनी के मालिक सांवरमल शर्मा से पांच लाख रुपये मांगने का आरोपी बनाया गया था. उसकी अग्रिम जमानत याचिका जिला व सत्र न्यायालय सरायकेला ने खारिज कर दी थी. जिसके बाद तत्कालीन एसपी श्री लाल ने प्रतिवेदन (दो) में इस कांड को धारा 385 भादवि के अंतर्गत जमानतीय कर दिया गया. इसके बाद आदित्यपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी अजय कुमार ने विनोद गुप्ता को जमानत दे दी. तत्कालीन डीआइजी की रिपोर्ट के आधार पर आइजी ने एसपी लाल के प्रतिवेदन (दो) से असहमत होते हुए प्राथमिकी की मूल धाराओं के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया. अनुसंधान के क्रम में साक्ष्य पाकर 7 जनवरी को कोर्ट से अभियुक्त विनोद गुप्ता के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट प्राप्त किया गया. जिसके बाद आरोपी को सिमडेगा से गिरफ्तार किया गया. सोमवार को आदित्यपुर थाना में जिला के एसपी इंद्रजीत माहथा ने मीडिया को बताया कि इस मामले में एएसपी अभियान सरायकेला ने कांड को प्राथमिकी की मूल धाराओं के अंतर्गत बिनोद गुप्ता के विरुद्ध सत्य पाया था.
मुङो मोहरा बनाया गया : विनोद
कांड के फरार अभियुक्त बिनोद गुप्ता को अनुसंधानकर्ता एसआइ प्रेमचंद आर्या, एएसआइ भगवान पांडेय व पुलस बल के जवानों ने सिमडेगा में दबोच लिया. उसके पास से एक सैमसंग का मोबाइल बरामद हुआ. मूल रूप से रामपुर (गया) निवासी बिनोद पहले सिमडेगा जिला पुलिस में आरक्षी था और डयूटी छोड़ एग्रिको में सीतारामडेरा थाना के पीछे रहते हुए वसूली के धंधे में लिप्त था. उसे बाद में निलंबित कर दिया गया था. हालांकि आदित्यपुर पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर बिनोद ने बताया कि मुङो मोहरा बनाया गया है.
विनोद की संपत्ति की होगी जांच : इंद्रजीत माहथा
एसपी श्री माहथा ने बताया कि अभियुक्त सह निलंबित आरक्षी बिनोद गुप्ता की संपत्ति की जांच होगी. यहां भी प्रोपर्टी एटैचमेंट का नियम बन गया है. विनोद गुप्ता ने पुलिस की छवि को धूमिल किया है. पुलिस कानून का पालन सही ढंग से करेगा, चाहे वह जो भी हो.

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