विभिन्न संस्कार कराये गये. संस्कारों की महत्ता का वर्णन करते हुए शांतिकुंज से पधारे विद्वानों ने कहा कि हम पुन: गौरवशाली संस्कार परंपरा से जुड़ें, तभी हमारा कल्याण संभव है. सांयकालीन सत्र के पावन प्रज्ञा पुराण कथा में ऋषि पुत्र ने बताया कि कथा वह है जो जीवन की बाधाओं को दूर कर दे.
परिवार निर्माण पर प्रकाश डालते हुए उन्हांेने कहा कि परिवार को पूर्ण करने के लिए नारी अहम भूमिका अदा करती है, चाहे वह किसी भी रूप में हो मां, बेटी, बहन, बहू. उस पर अहम जिम्मेवारी होती है. उन्हें अपनी जिम्मेवारी सुनिश्चित करनी होगी, तब जाकर एक संपूर्ण राष्ट्र का निर्माण संभव हो सकेगा. कार्यक्र म को सफल बनाने में सुशीला देवी, निर्मला देवी, रमावती देवी, आरपी सिंह, बेबी देवी, निरंजन सिंह आदि ने अहम भूमिका निभायी.