डॉ एएन प्रसादइएनटी स्पेशलिस्ट थ्रोट यानी गले का इनफेक्शन कई कारणों से हो सकता है. वायरल इनफेक्शन, बैक्टीरियल इनफेक्शन, एलर्जी व वातावरण में परिवर्तन भी इसके प्रमुख कारण हैं. यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती (कम्यूनिकेबल डिजीज) है. ऐसे में इस बीमारी से सावधान रहने की जरूरत है. इस बीमारी में मरीज के गले में दर्द, खिचखिच, हल्का बुखार, बदन दर्द व खाना खाने में परेशानी हो सकती है. वायरल इनफेक्शन के कारण यह बीमारी हुई हो तो गले में काफी दर्द का एहसास होता है. वहीं, सेप्टिक थ्रोट इनफेक्शन हुआ हो तो टॉन्सिल में सूजन के साथ ज्यादा तकलीफ होती है. डीप्थिरिया के केस में ह्वाइट पैचेज आ जाते हैं. यह बीमारी इन दिनों सामान्य नहीं है. काफी कम केस देखने को मिलते हैं. थ्रोट इनफेक्शन से बचने के उपाय की बात की जाये, तो लक्षण दिखायी देने के साथ ही डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिये. गले का ख्याल रखना चाहिये, यदि किसी को खांसी या थ्रोट इनफेक्शन हो तो उसे मास्क का इस्तेमाल करना चाहिये, ताकि यह बीमारी उनसे किसी और को न फैले. बीमारी : थ्रोट इनफेक्शन. लक्षण : गले में दर्द की शिकायत, खिचखिच, हल्का बुखार, बदन दर्द, खाना खाने में परेशानी हो सकती है.उपाय : बीमारी के लक्षण दिखायी देने के साथ ही डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिये, गले का ख्याल रखना चाहिये, यदि किसी को खांसी या थ्रोट इनफेक्शन हो तो उसे मास्क का इस्तेमाल करना चाहिये.
BREAKING NEWS
Advertisement
कम्यूनिकेबल बीमारी है गले का इनफेक्शन
डॉ एएन प्रसादइएनटी स्पेशलिस्ट थ्रोट यानी गले का इनफेक्शन कई कारणों से हो सकता है. वायरल इनफेक्शन, बैक्टीरियल इनफेक्शन, एलर्जी व वातावरण में परिवर्तन भी इसके प्रमुख कारण हैं. यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती (कम्यूनिकेबल डिजीज) है. ऐसे में इस बीमारी से सावधान रहने की जरूरत है. इस बीमारी में मरीज […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement