जमशेदपुर : गरीब और अभिवंचित वर्ग केबच्चों की फीस के एवज में राज्य सरकार की ओर से निजी स्कूलों को राशि देनी थी. दो सत्रों बीत गये लेकिन राज्य सरकार की ओर से निजी स्कूलों को किसी तरह की कोई राशि नहीं मिली.
अब निजी स्कूलों ने पैसे की मांग करते हुए जिले के शिक्षा विभाग पर दबाव बनाया है तथा राशि की मांग की है.
चिन्मया में 20 गरीब बच्चों का, कारमेल में 8 गरीब और अभिवंचित बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. सारे स्कूलों ने अपने विद्यार्थियों की सूची भी विभाग को सौंपी है. पैसे नहीं मिल पाने के कारण कई स्कूलों में बीपीएल बच्चों से पैसे की मांग की जा रही है. जिसके चलते कई गरीब बच्चों ने दाखिला लेने के बाद स्कूल जाना भी छोड़ दिया है.
लोयोला स्कूल प्रबंधन द्वारा भी गरीब और अभिवंचित वर्ग के बच्चों से पैसे देने की मांग की गयी है. राज्य में आरटीइ लागू होने के बाद पिछले सत्र में 676 गरीब और अभिवंचित वर्ग के बच्चों का दाखिला हुआ, जबकि इस सत्र में सिर्फ 300 बच्चों ने ही दाखिला लिया.
अपने से तय की गयी है राशि
राज्य सरकार की ओर से प्रति छात्र 425 रुपये फीस के रूप में तय की गयी है. इसे वित्त विभाग से क्लीयरेंस भी मिल गया है. लेकिन अब तक जिन स्कूलों ने भी शिक्षा विभाग से पैसे की मांग के लिए बजट सौंपा है उसमें प्रति छात्र 425 रुपये के बजाय उनके यहां प्रति छात्र कितनी फीस ली जाती है, उस आधार पर बजट बना कर सौंपा गया है. कारमेल जूनियर कॉलेज में टय़ूशन फीस के साथ–साथ एडमिशन फीस को भी जोड़ा गया है.