जमशेदपुर: राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, बावजूद इसके लोगों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिले में एक साल से तैयार जुगसलाई, पटमदा, बहरागोड़ा, धालभूमगढ़ तथा चाकुलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व बहरागोड़ा ट्रॉमा सेंटर अभी तक चालू नहीं हो सके हैं. इसका एक कारण स्टाफ व डॉक्टरों की कमी बताया जा रहा है. डॉक्टर नहीं रहने के कारण बीमार लोगों को निजी नर्सिग होम या प्राइवेट चिकित्सक पर निर्भर करना पड़ रहा है. अभी भी कई केंद्रों में बिजली-पानी, शौचालय की समस्या बनी हुई है.
12 डॉक्टरों के सहारे सदर अस्पताल
खासमहल स्थित सदर अस्पताल खुले लगभग एक साल होने जा रहा है, लेकिन यहां मरीजों के लिए अभी भी समुचित व्यवस्था नहीं हो पायी है. अस्पताल में 12 डॉक्टर ही पदस्थापित किये गये हैं. साथ ही 32 स्टाफ हैं.
100 बेड के अस्पताल के लिए यह काफी कम है. उन्हीं लोगों को ओपीडी से लेकर सभी काम देखना है. डॉक्टर व स्टाफ की कमी के कारण अस्पताल में मंगाये गये नये उपकरणों का उपयोग नहीं हो पा रहा है यहां कम से कम 30 डॉक्टर व 120 स्टाफ की जरूरत है. साथ ही अस्पताल का बाउंड्रीवाल, सुलभ शौचालय, स्टेरेलाइजेशन रूम का निर्माण नहीं हो सका है. सजर्री ऑपरेशन थियेटर, आंख का ऑपरेशन सहित कई विभाग अब तक चालू नहीं हुआ.