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केयू में बीएड शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी, नियुक्ति के बाद जारी हुई फाइनल सूची
जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय के बीएड शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी सामने आयी है. विवि प्रशासन ने बीएड शिक्षकों को बहाल करने के बाद फाइनल सूची तैयारी की. सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी में विश्व विद्यालय प्रशासन ने, जो मेरिट लिस्ट उपलब्ध करायी है, वह 12 नवंबर 2014 को तैयार की गयी है. वहीं […]
जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय के बीएड शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी सामने आयी है. विवि प्रशासन ने बीएड शिक्षकों को बहाल करने के बाद फाइनल सूची तैयारी की. सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी में विश्व विद्यालय प्रशासन ने, जो मेरिट लिस्ट उपलब्ध करायी है, वह 12 नवंबर 2014 को तैयार की गयी है. वहीं शिक्षकों की नियुक्ति 3 सितंबर 2014 को ही कर दी गयी. इसे लेकर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर जब सूची फाइनल बाद में किया गया, तो फिर नियुक्ति किस सूची के आधार पर की गयी.
विवि अधिकारियों के रिश्तेदार की जानकारी नहीं दी: सूचना के अधिकार के तहत विवि प्रशासन से यह जानकारी मांगी गयी थी कि इस बार जितने भी शिक्षकों को संविदा पर बहाल किया गया है उसमें कौन-कौन नेता, पुलिस और विवि के अधिकारियों के रिश्तेदार हैं, इस सवाल के जवाब को देने में विवि प्रशासन ने असमर्थता जतायी है. अलग-अलग कुल नौ बिन्दुओं पर जानकारी मांगी गयी थी. इसमें से चार बिन्दुओं का जवाब देने से विवि ने स्पष्ट तौर पर मना कर दिया, जबकि पांच बिन्दुओं पर अधूरी जानकारी दी.
एमएड में पढ़ा रही शिक्षिका का नहीं हुआ है विवि से अनुबंध : वीमेंस कॉलेज में एमएड में कुछ शिक्षिकाएं पढ़ा रही हैं. इन शिक्षिकाओं के अनुबंध से सवाल भी पूछे गये थे कि उन्हें कितने दिनों के लिए विवि ने अनुबंधित किया है, इस सवाल के जवाब में विवि की ओर से कहा गया कि केयू के एमएड के पाठय़क्रम के लिए किसी भी शिक्षक को अनुबंधित नहीं किया गया है.
हाइकोर्ट में दायर की गयी है याचिका
बीएड शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उन शिक्षकों ने झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जो पूर्व में किसी ना किसी बीएड कॉलेज में पढ़ा रहे थे. इस बार हुई बहाली में उन्हें बहाल नहीं किया गया. आखिर उन्हें बहाल नहीं करने के पीछे क्या तर्क है, क्या वे अयोग्य हैं. इस सवाल के जवाब में बताया गया कि जो भी शिक्षक पूर्व में पढ़ा रहे थे, उन्हें अयोग्य नहीं घोषित किया गया है बल्कि मेधा सूची से क्रमानुसार 2014-2015 ( 11 माह के लिए ) के लिए नवीन अनुबंध पर बहाल की गयी है. यानी पुराने के स्थान पर नये को बहाल किया गया है.
बीएड शिक्षक नियुक्ति में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं की गयी है. जहां तक आइटीआइ के जरिये मांगी गयी जानकारी में तिथि के हेर-फेर का सवाल है, तो यह समझने का फेर है. किसी भी उम्मीदवार के अंकों में कोई छेड़छाड़ नहीं की गयी है. योग्य उम्मीदवार का ही चयन किया गया है.
– डॉ. आरपीपी सिंह, कुलपति, कोल्हान विवि
इंटरव्यू बोर्ड में दो शिक्षक लेकिन अंक मिले सामूहिक
विश्वविद्यालय की ओर से इंटरव्यू एक्सपर्ट के रूप में बिहार के दो विश्वविद्यालयों से दो शिक्षकों को बुलाया गया था. दोनों ने उम्मीदवारों से सवाल किये. आम तौर पर दोनों ही इंटरव्यू लेने वाले के पास समान अंक होते हैं. दोनों अपने-अपने स्तर से अंक देते हैं. लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ. इंटरव्यू में नंबर एक ही जगह दिया गया. इतना ही नहीं मेधा सूची में जरूरत के अनुसार इंटरव्यू के नंबर में कांट छांट कर बढ़ाया-घटाया भी गया है. दो जगहों पर पहले चढ़ाये गये अंकों में कांट – छांट कर अंक में हेरफेर किया गया है.
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