रांची: सिपाही धनंजय शाही की ओर से राज्य के विभिन्न जिलों में घूम-घूम कर अफसरों के लिए वसूली करने के मामले में पुलिस मुख्यालय ने रांची जोन के आइजी एमएस भाटिया, बोकारो प्रमंडल के डीआइजी डीबी शर्मा और जमशेदपुर के एसएसपी अमोल वेणुकांत से स्पष्टीकरण पूछा है.
डीजीपी ने एडीजी स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के आधार पर तीनों आइपीएस से पूछा है कि धनंजय शाही से उनका क्या संबंध है. सिपाही धनंजय शाही से लगातार बात करने की वजह क्या है. एडीजी ने करीब छह माह पहले अपनी जांच रिपोर्ट दी थी, लेकिन इस पर कार्रवाई अब शुरू हुई है. मामला 19 जुलाई 2014 का है.
बोकारो स्थित सेक्टर-चार थाने की पुलिस ने सिपाही धनंजय को कथित रूप से नशे की हालत में स्कॉरर्पियो चलाते हुए पकड़ा था. बाद में मेडिकल जांच के बाद उसे छोड़ दिया, लेकिन गाड़ी को कई दिनों तक जब्त रखा. इसे लेकर मीडिया में खबर आने के बाद स्पेशल ब्रांच के एडीजी रेजी डुंगडुंग ने मामले की जांच की. जांच में उन्होंने पाया कि सिपाही धनंजय शाही तीन आइपीएस अफसरों के लगातार संपर्क में रहता था. बोकारो में पकड़े जाने से पहले और बाद में भी उसने जिस मोबाइल नंबर पर बात की, वह नंबर लातेहार के एसपी के नाम से निबंधित है, लेकिन बाद में पता चला कि उस नंबर का इस्तेमाल रांची जोन के आइजी एमएस भाटिया करते हैं.
इसके अलावा धनंजय शाही राज्य के कोयला व लोहा क्षेत्र में पड़नेवाले मलाईदार थानों के प्रभारी के भी संपर्क में लगातार रहता था. साथ ही थानों में लगातार जाता भी था. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिपाही धनंजय शाही द्वारा पूरे राज्य में जाकर वसूली करने की सूचना है. सूचना यह भी है कि सिपाही धनंजय शाही की ओर से सिपाही नियुक्ति में भी वसूली की गयी थी. इसके अलावा सिपाही धनंजय शाही का संपर्क रातू रोड के जमीन कारोबारी मंजूर से भी है. एडीजी नेजांच रिपोर्ट के साथ धनंजय शाही के मोबाइल नंबर का सीडीआर भी संलग्न कर डीजीपी को दिया था. साथ ही पूरे मामले की विस्तृत जांच की अनुशंसा की थी.