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55 फीसदी महिलाएं नहीं करातीं स्तनपान

जमशेदपुर: नवजात के जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराने से 22%बच्चों को मरने से बचाया जा सकता है. मां का गाढ़ा पीला दूध(खिरसा) नवजात को देने से उसकी रोग प्रतिरोधिक क्षमता कई गुणा बढ़ जाती है. कोल्हान में 45.2%महिलाएं जन्म के एक घंटे के अंदर अपने बच्चे को स्तनपान कराती हैं. यह आंकड़ा […]

जमशेदपुर: नवजात के जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराने से 22%बच्चों को मरने से बचाया जा सकता है. मां का गाढ़ा पीला दूध(खिरसा) नवजात को देने से उसकी रोग प्रतिरोधिक क्षमता कई गुणा बढ़ जाती है. कोल्हान में 45.2%महिलाएं जन्म के एक घंटे के अंदर अपने बच्चे को स्तनपान कराती हैं. यह आंकड़ा झारखंड के 33%के मुकाबले 12%ज्यादा तो है लेकिन इस दिशा में अभी और जागरूकता लाने की आवश्यकता है.

यूनिसेफ के पदाधिकारियों ने सोमवार को आयोजित कार्यशाला में शिशु मृत्यु, बाल विवाह, स्वच्छता , कुपोषण, टीकाकरण, शिशु की देखभाल, आयरन की गोली के फायदे, लड़कियों की शिक्षा, गर्भवती महिलाओं की देखभाल एवं भोजन सहित बच्चों को होने वाली डायरिया, मलेरिया, निमोनिया जैसी बीमारी व इससे होने वाले हानि -लाभ पर विस्तारपूर्वक चर्चा की.

यूनिसेफ के पीपीइ ऑफिसर कुमार प्रेमचंद ने बताया कि कोल्हान में सहिया, एएनएम की नियुक्ति होने के बावजूद औसत से देखें तो 70 फीसदी बच्चों को ही टीका लग पाता है. इसमें पूर्वी सिंहभूम में सर्वाधिक 82.70, सरायकेला में 69.3 और पश्चिमी सिंहभूम में न्यूनतम 64.70 बच्चों को टीका मिलता है. औसत से देखें तो पूरे कोल्हान में 70 फीसदी बच्चों को टीका लग पाता है.

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