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86 बस्ती की जमीन पर आदिवासियों का अधिकार

-भूमि आंदोलन के शहीदों को दी श्रद्धांजलि उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा 86 बस्ती में रहनवालों को मालिकाना हक दिये जाने संबंधी बयान पर आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. प्रतिनिधियों का कहना है कि 86 बस्ती के रूप में चिह्नित बस्तियों की जमीन आदिवासियांे की है, जिसे जबरन […]

-भूमि आंदोलन के शहीदों को दी श्रद्धांजलि उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा 86 बस्ती में रहनवालों को मालिकाना हक दिये जाने संबंधी बयान पर आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. प्रतिनिधियों का कहना है कि 86 बस्ती के रूप में चिह्नित बस्तियों की जमीन आदिवासियांे की है, जिसे जबरन अतिक्रमित कर लिया गया है. ऐसे में अवैध दखल को सरकार नियमित नहीं कर सकती है. शुक्रवार को सीतारामडेरा में आदिवासी समाज के विक्टर पाड़ेया की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें भूमि आंदोलन के दौरान शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. वक्ताओं ने कहा कि 86 बस्ती की जमीन आदिवासी-मूलवासी के नाम पर खतियान में दर्शायी गयी है. क्या सरकार इसे नजर अंदाज कर इन बस्तियों को स्थायी करना चाहती है. क्या सरकार सीएनटी एक्ट के तहत 86 बस्तियों में अवैध दखल करनेवालों को कानूनी मान्यता प्रदान करेगी या आदिवासी-मूलवासियों को इस जमीन पर दखल दिलायेगी. मुख्यमंत्री को यह साफ करना होगा. अगर इन बस्तियों में अवैध रूप से रहनेवालों को नियमित करने की प्रक्रिया अपनायी गयी तो उसका विरोध किया जायेगा. बैठक में सामुएल बानरा, डेमका सोय, सोमनाथ पाड़ेया, सागेन पुरती, अर्जुन समद, संतोष पुरती, प्रधान सुंडी, टी देवगम, बिष्णु बारदा, शेखर पाड़ेया, राजेश होनहागा, चेमो हांसदा, समुएल तिर्की, गेमा सरदार,फणींद्र मंडल के अलावा अन्य लोग मौजूद थे. बैठक में तय किया गया कि 86 बस्तियों के मूल रैयतों की बैठक 11 जनवरी को बिरसानगर सेवा दल के कार्यालय बिरसानगर में आयोजित की गयी है.

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