जमशेदपुर: झाविमो लोकसभा चुनाव में मिले वोट को इस बार किसी विधानसभा में दुहरा नहीं पाया. अप्रैल माह में हुए लोकसभा चुनाव में झाविमो को छह विधानसभा में 3,64, 277 वोट मिले थे, जबकि विधानसभा चुनाव में मात्र 81,123 वोट ही मिले.
पूर्व सांसद डॉ अजय के व्यक्तित्व का प्रभाव माना जाये या झाविमो के बिखराव का परिणाम, लोकसभा चुनाव की तुलना में विधानसभा चुनाव तक झाविमो के 2, 83, 154 वोटर दूर हो गये. हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद डॉ अजय के अलावा पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां, पूर्व मंत्री डॉ दिनेश षाड़ंगी से लेकर मंडल स्तर पर कई नेता झाविमो से अलग हो गये जिसका असर विधानसभा चुनाव पर भी पड़ा.
लोकसभा चुनाव 2014 में झाविमो प्रत्याशी डॉ अजय को पोटका में लीड मिली थी, लेकिन विधान सभा चुनाव में पोटका से झाविमो प्रत्याशी को मात्र 10, 905 वोट मिले. पोटका में लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व विधायक सनातन मांझी, नरेश मुमरू जैसे नेताओं का झाविमो को साथ मिला था, लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनों झाविमो से दूर रहे. सनातन मांझी को टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से दूरी बना ली तो नरेश मुमरू ने समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े. दुलाल भुइयां के पार्टी छोड़ने का असर जुगसलाई विधान सभा में दिखा. हालांकि डॉ षाड़ंगी के पार्टी छोड़ने के बावजूद झाविमो प्रत्याशी समीर महंती को बहरागोड़ा विधान सभा से 42,130 वोट मिले.
झामुमो को मिले 91 हजार से ज्यादा वोट, फिर भी गंवायी एक सीट
लोकसभा के मुकाबले विधानसभा चुनाव में झामुमो को 91, 595 वोट ज्यादा मिले, इसके बावजूद झामुमो सीटिंग सीट घाटशिला नहीं बचा पाया. लोकसभा चुनाव कांग्रेस एवं झामुमो ने साथ मिल कर लड़ा था और जिले के छह विधानसभा में झामुमो प्रत्याशी निरूप मोहंती को 1,38, 109 वोट मिले थे. विधानसभा चुनाव में झामुमो को पूरे जिले में 2,29, 704 वोट मिले जिसमें बहरागोड़ा विधानसभा सीट पर झामुमो प्रत्याशी कुणाल षाड़ंगी को जीत मिली, जबकि घाटशिला की सीट पर झामुमो प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा. पोटका एवं जुगसलाई में झामुमो प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे.