जमशेदपुर: चाईबासा जेल से भागने से पहले नक्सलियों ने पुलिस जवानों से इंसास राइफल लूटने की कोशिश की थी. अपने मकसद में कामयाबी नहीं मिली, तो नक्सली पुलिस से बिना हथियार लूटे ही भाग निकले. नक्सलियों ने योजना के तहत घटना को अंजाम दिया. वैन में एक साथ सवार हुए. एक ग्रुप ने पुलिस को उलझाये रखा.
दूसरे ग्रुप ने हथियार लूटने की कोशिश की. इसी बीच तीसरा ग्रुप एक-एक कर वैन से निकल गेट की तरफ आगे बढ़ा. वैन से नीचे उतरने का रास्ता काफी छोटा है. एक साथ केवल एक ही बंदी उतर सकता है. पहले ग्रुप के बंदियों ने पुलिस के साथ भिड़ पुलिस को वैन का गेट बंद करने का मौका नहीं दिया. हंगामे की सूचना मिलने पर सुरक्षा में तैनात रविशंकर और छोटे लाल रविदास ने गोली चलायी.
जेल से भागे नक्सली दस्ता बनाने की तैयारी में
चाईबासा जेल से भागे नक्सली दस्ता बनाने की तैयारी में जुट गये हैं. हाल में बढ़ी नक्सली घटनाएं और जेल से भागना उसी कड़ी को दर्शाता है. सूत्र बताते हैं कि बड़े पैमाने पर बीजेओबीआरसी की कमेटी में परिवर्तन होना सुनिश्चित किया गया है. जेल से भागे 15 नक्सलियों को कमेटी में स्थान मिल सकता है. नक्सलियों की एक छोटे कमेटी में भी सात से लेकर 14 की संख्या में सदस्य होते हैं. बीजेओबीआरसी की कमेटी का पश्चिम बंगाल और ओडिशा के सभी नक्सल प्रभावित सीमांचल का इलाका है. सूत्रों के मुताबिक बंगाल, झारखंड और ओडिशा में शांत पड़े नक्सली आंदोलन के चलते सीपीआई माओवादी संगठन में पुनर्गठन की तैयारी में हैं. सीपीआई माओवादियों द्वारा बीजेओबीआरसी संगठन केंद्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए बड़े कदम उठा रहे हैं.
जेल ब्रेक मामले की जांच कर रांची लौटे जेल आइजी नयी व्यवस्था में रहेंगे कैदी
चाईबासा जेल ब्रेक की जांच करने बुधवार को चाईबासा जेल पहुंचे जेल आइजी शैलेंद्र भूषण गुरुवार को लगभग तीन बजे वापस रांची लौट गये. दूसरे दिन जेल आइजी ने सर्किट हाउस से ही पूछताछ की. सर्किट हाउस में उनके साथ एआइजी तुषार रंजन गुप्ता तथा चाईबासा जेलर साकेत बिहारी सिंह तथा जेल के चिकित्सक भी मौजूद थे. तमाम जानकारी आइजी अपने साथ ले गये हैं. वरीय पदाधिकारी के सामने जांच रिपोर्ट देने के बाद दोषी पर कार्रवाई तय की जायेगी.जेल के अंदर के हालात पर भी आइजी ने चर्चा की है. जेल के सेल में बदली है संरचना: जेल के सेल में कैदियों को रखने की संरचना में भी बदलाव कर दिया गया है. बंदियों पर खास नजर रखी जा रही है. जेल ब्रेक के निम्नलिखित बिंदुओं पर हुई है जांच: गेट खुला था या नहीं त्न गेट के अंदर कैदी वाहन कैसे खड़ा किया गया थात्न मुख्य गेट से कैदी वाहन अंदर प्रवेश करने के बाद जेल गेट पर कितने पुलिसकर्मी थे.त्न कैदी वाहन से कैदी के उतरते समय वाहन के दाहिने-बाएं कितने पुलिसकर्मी थेत्न दाहिने-बाएं पुलिसकर्मी थे या नहीं त्न जिला पुलिस कैदियों के जेल में घुसने की रिसिविंग करायी थी या नहींत्न वारदात के समय मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी ने क्या-क्या किया, इसको भी नोट किया गया है त्न वारदात के तुरंत बाद घटना की किसको सूचना दी गयीत्नफौरी तौर पर पुलिस की ओर से की गयी कार्रवाई.