संवाददाता, जमशेदपुर लीडरशिप के मायने बदल रहे हैं. नये दौर में देश और समाज को नये लीडर की जरूरत है. लीडरशिप सीखने से नहीं, बल्कि नयी सोच से जागृत होती है. उक्त बातें टाटा स्टील इंजीनियरिंग एंड ऑपरेशंस के वाइस प्रेसिडेंट आलोक कणागत ने कही. उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें सभी से शेयर किये. शुक्रवार को एक्सएलआरआइ के फादर प्रभु हॉल में ऑन्सेंबल 2014 की शुरुआत हुई. इस मौके पर डायरेक्टर फादर इ अब्राहिम ने कहा कि यह इवेंट 14 साल से हो रहा है. इस एक इवेंट के जरिये देश के करीब 35 बी स्कूलों के 3500 टीमों को जोड़ने का प्रयास किया गया है. यहां भावी मैनेजर आपस में अपने अनुभव श्ेयार करते हैं. इस मौके पर प्लेसमेंट सेल की टीम को 100 फीसदी (360 विद्यार्थी) प्लेसमेंट के लिए सम्मानित किया गया. इस बार आइआइएम, एफएमएस, एसआइबीएम, एमडीआइ, टिस आइआइएफटी समेत कई अन्य बी स्कूलों की टीम हिस्सा ले रही है. इस बार पुरस्कार की राशि 15 लाख रुपये तय की गयी है. उद्घाटन सत्र के बाद पहले दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए. कार्यक्रम में 1960 से 2014 तक के सुपरहिट गीत पेश किया गया. तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन 16 नवंबर को किया जायेगा. गौरतलब है कि इस बार ऑन्सेंबल में की नोट स्पीकर के रूप में डॉ देवी शेट्टी उपस्थित रहेंगी.
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नयी सोच से जागृत होती है लीडरशिप फोटो ऋषि 5, 7
संवाददाता, जमशेदपुर लीडरशिप के मायने बदल रहे हैं. नये दौर में देश और समाज को नये लीडर की जरूरत है. लीडरशिप सीखने से नहीं, बल्कि नयी सोच से जागृत होती है. उक्त बातें टाटा स्टील इंजीनियरिंग एंड ऑपरेशंस के वाइस प्रेसिडेंट आलोक कणागत ने कही. उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें सभी से […]
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