जमशेदपुर: आज देश में व्यवस्था परिवर्तन की जरूरत है. इसके लिए हमें लोकनायक जयप्रकाश नारायण के विचार व सिद्धांतों को आत्मसात करना होगा. अत: सबसे पहले यह जरूरी है कि निहित स्वार्थ और विचारों का त्याग कर आगे बढ़ें. यह बात पूर्व विधायक सरयू राय ने कही.
वह गुरुवार को संपूर्ण क्रांति विचार मंच व प्रभात खबर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संपूर्ण क्रांति : कल, आज और कल विषयक परिचर्चा सह निबंध प्रतियोगिता सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आजादी और लोकतंत्र का मूल्यांकन किया. व्यवस्था परिवर्तन की जरूरत महसूस की. तब उन्होंने छात्रों की जुटान की और छात्र संयुक्त समिति का गठन किया. पांच जून 1974 को आंदोलन यानी संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया. आंदोलन इतना बड़ा हुआ कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इमरजेंसी लगानी पड़ी. उसके बाद देश में आम चुनाव हुआ और फिर से लोकतंत्र की स्थापना हुई. श्री राय ने कहा कि लोकनायक ने देश के लिए जो सही समझा वह कहा. वह अब लागू हो रहा है. तब लागू हुआ होता, तो देश की स्थिति कुछ और होती.
वर्तमान में देश भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गया है. व्यवस्था परिवर्तन की जरूरत है. अत: जरूरत पड़े, तो विज्ञान और तकनीक को औजार के रूप में इस्तेमाल करते हुए उनके नित्य नूतन और चिर पुरातन विचारधारा को स्थापित करने की जरूरत है.